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ईसुरी
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ईसुरी
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जन्म | 10 संवत 1898 विक्रमी, गुरुवार का दिन |
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निधन | 6 संवत 1966 विक्रमी (सन 1909) |
जन्म स्थान | गांव मेंढ़की, मऊरानीपुर, जिला झांसी, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
बुंदेलखंड के सर्वाधिक लोकप्रिय कवि। | |
जीवन परिचय | |
ईसुरी / परिचय |
ईसुरी की फाग
- ईसुरी की फाग-1 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-2 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-3 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-4 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-5 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-6 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-7 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-8 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-9 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-10 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-11 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-12 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-13 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-14 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-15 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-16 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-17 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-18 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-19 / बुन्देली
- ईसुरी की फाग-20 / बुन्देली
अन्य रचनाएँ
- जीवन श्री जगन्नाथ जाल सें निनोरौ / ईसुरी
- रसना राम राम कह जारी / ईसुरी
- मैंने मन मुदरी मैं गाड़ौ / ईसुरी
- भजमन राम सिया भगवानै / ईसुरी
- लैवौ राम नाम इक सच्चा / ईसुरी
- जिनकौ सेर-सवेरे खइये / ईसुरी
- दीपक दया धरम को जारौ / ईसुरी
- रोमैं लयें रागनी जी की / ईसुरी
- मस्त मतवारे दानवारे गज तीन कोट / ईसुरी
- साजौ पत जोजन की, भोजन पै सभों सब / ईसुरी
- जिनको बजत हुकुम को बाजा / ईसुरी
- मोये बल रात राधका जी कौ / ईसुरी
- राधा अलबेली को आनन / ईसुरी
- बरसौं जामैं बृज बै जाबै / ईसुरी
- छैला छलन चलौ नव काजर / ईसुरी
- आली मनमोहन के मारै / ईसुरी
- जसुदै दैंन उरानों जइये / ईसुरी
- नैनन साभरिया लग रैहै / ईसुरी
- मइया तुम नाहक खिसयातीं / ईसुरी
- गुदना हरें गोद गुदनारी / ईसुरी
- सुन्दर सेत सरद को चन्दा / ईसुरी
- बागन भये बसन्त अबईयाँ / ईसुरी
- अवरित आई बसन्त बहारन / ईसुरी
- मद अब देत करेजे जारें / ईसुरी
- उरजौ ना स्याम कही मानों / ईसुरी
- सारी चोर-बोर कर डारी / ईसुरी
- रंग डारो ना लला को अलकन में / ईसुरी
- केसर भई राधिका रानी / ईसुरी
- अटकी पीरे पटवारे सैं / ईसुरी
- जब से मन मोहन बिछुरे हैं / ईसुरी
- जोगिन भई राधिका गोरी / ईसुरी
- पाती किशन चन्द की आई / ईसुरी
- गोरी कठिन होत है कारे / ईसुरी
- कारे सबरे होत बिकारे / ईसुरी
- ऊधौ रूप राधकाजू कौ / ईसुरी
- हो गई स्याम बिछुरतन जीरन / ईसुरी
- तुम खाँ देखौ भौत दिनन में / ईसुरी
- ऐसी बोलो कौनऊँ बानी / ईसुरी
- बखरी रैयत है भारे की / ईसुरी
- हंसा फिरैं बिपत के मारे / ईसुरी
- तन कौ कौन भरोसों करनैं / ईसुरी
- तेरो मन पापी तन नौंनों / ईसुरी
- तन कौ तनक भरोसौ नइयाँ / ईसुरी
- सबसें बौलौ रस की बानी / ईसुरी
- रइयो करन हार से डरते / ईसुरी
- नाते रिस्ते सम्पदा, सजन सलौनौं गात / ईसुरी
- हौनी कवउँ न जात अनूठी / ईसुरी
- हौनी दो पग चलत अँगरैं / ईसुरी
- उदना रेख करम में खाँची / ईसुरी
- पाई खुदा के घर की कीनैं? / ईसुरी
- जीके जब जैसे दिन आये / ईसुरी
- जौ लों जग में राम जियावैं / ईसुरी
- माँगे चार मिलें ना भाई / ईसुरी
- राखें मन पंछी ना रानें / ईसुरी
- जिदना मन पंछी उड़ जानैं / ईसुरी
- जग में बिना यार कौ को है? / ईसुरी
- ढप सौ ढाल सरीसौ चइये / ईसुरी
- यारी बेवकूपन सें करबौ / ईसुरी
- हमना तुम खाँ बदी विचारैं / ईसुरी
- यारौ पर नारी से बरकौ / ईसुरी
- एक दिन चूक जात सब कोई / ईसुरी
- गाँजौ पियो न प्रीतम प्यारे / ईसुरी
- चौपर है राजन के लानैं / ईसुरी
- इनपे लगे कुलरियाँ घालन / ईसुरी
- आसौ दे गऔ साल करौंटा / ईसुरी
- मारत बिना अन्न हर सालै / ईसुरी
- जानै कौन जमानों आऔ / ईसुरी
- आ गऔ बेईमानी कौ पारौ / ईसुरी
- आऔ जौ कलजुग कौ पारौ / ईसुरी
- दारौ आऔ देस सें, परौं धोर्रा आन / ईसुरी
- घरी घरी पै ईसुरी, घरी सौ दृगन दिखात / ईसुरी
- ना छेड़री कामनी, कड़ जान दै विचारे खों / ईसुरी
- देखत स्याम माँग पै मोये / ईसुरी
- पग में लगत महाउर भारी / ईसुरी
- तिलकी परन तिलन सें हलकी / ईसुरी
- बाँके बजैं पैजनाँ धुनके / ईसुरी
- बूँदा मनकौ हरन तुमारौ / ईसुरी
- साँकर कन्नफूल की लटकें / ईसुरी
- नैना परदेसी सें लरकें / ईसुरी
- नैना ना मारौ लग जै हैं / ईसुरी
- तोरे नैनाँ हैं मतवारे / ईसुरी
- दोई नेंनन की तरवारें / ईसुरी
- हमखों बिसरत नई बिसारी / ईसुरी
- कड़तन लागौ मूड़ दिरौंदा / ईसुरी
- बसती बसत लोग बहुतेरे / ईसुरी
- यारी होत मजा के लानैं / ईसुरी
- मारग आदी रातलों हेरी / ईसुरी
- तुमनें मोह टोर दऔ सँइँयाँ / ईसुरी
- हमखों कर डारो बैरागी / ईसुरी
- हमसें दूर तुमारी बखरी / ईसुरी
- विधना करी देह न मेरी / ईसुरी
- दिल रहौ दाबनी में बसकें / ईसुरी
- जादू सो कर गई हेरन में / ईसुरी
- पिया लै दो हमें हरियल सारी / ईसुरी
- दिन बूड़ौं विदेसी ना जारे / ईसुरी
- काजर काय पे दइये कारे / ईसुरी
- सूजैं इन आँखन अलबेली / ईसुरी
- नीकौ नई रजऊ मन लगवौ / ईसुरी
- मिलकें रजऊ बिछुर जिन जाऔ / ईसुरी
- जौ जी रजऊ रजऊ के लानें / ईसुरी