भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कविता कोश मुखपृष्ठ" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKHomePageBegin}}
 
{{KKHomePageBegin}}
<div style="background:#666; color:#fff; font-family:arial unicode ms; font-size:27px; padding:15px; width: 89.2%; margin: 0 auto; ">रचनाकारों की सूची</div>
+
<div style="height:7px"></div>
<div style="width: 90%; margin: 0 auto; background:#f9f9f9; border: 1px solid #666; padding:10px">
+
<div style="background:#666; color:#fff; font-family:arial unicode ms; font-size:27px; padding:15px">रचनाकारों की सूची</div>
<div style="width:100%; height:800px; overflow:auto; border:2px inset #aaa;">
+
<div style="margin-top: 5px;">
 
{{:रचनाकारों की सूची}}
 
{{:रचनाकारों की सूची}}
</div></div>
+
</div>
  
 
<div style="height:10px"></div>
 
<div style="height:10px"></div>
 
<div style="background:#666; color:#fff; font-family:arial unicode ms; font-size:27px; padding:15px">रेखांकित रचना</div>
 
<div style="background:#666; color:#fff; font-family:arial unicode ms; font-size:27px; padding:15px">रेखांकित रचना</div>
 
{{KKPoemOfTheWeek}}
 
{{KKPoemOfTheWeek}}

19:01, 8 नवम्बर 2015 के समय का अवतरण

कविता कोश / गद्य कोश
भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भारतीय काव्य का सबसे विशाल ऑनलाइन संकलन
कोश में कुल पन्ने: 1,57,848
सभी लोगों का मिला-जुला स्वयंसेवी प्रयास!... जय स्वयंसेवा!
अन्य विभागों के लिए पर क्लिक कर मेन्यू खोलें
रचनाकारों की सूची
रेखांकित रचना
खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार

रचनाकार: त्रिलोचन

खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार अपरिचित पास आओ

आँखों में सशंक जिज्ञासा मिक्ति कहाँ, है अभी कुहासा जहाँ खड़े हैं, पाँव जड़े हैं स्तम्भ शेष भय की परिभाषा हिलो-मिलो फिर एक डाल के खिलो फूल-से, मत अलगाओ

सबमें अपनेपन की माया अपने पन में जीवन आया