अवधेश्वर प्रसाद सिंह
© कॉपीराइट: अवधेश्वर प्रसाद सिंह। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग अवधेश्वर प्रसाद सिंह की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | |
---|---|
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
अवधेश्वर प्रसाद सिंह / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- आ गया हूँ देख माँ तेरी शरण / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ज़िन्दगी है सुहानी तभी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- दर्द दिल में बहुत पर बुझाता नहीं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- तुम जब मिली मुझे तो आया नया सवेरा / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- चाँद तारे मिले, जगमगाते गगन / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- अजगैवी बाबा के घर से, गंगा जल भर लाएंगे / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- मेरे बिस्तर पर सोयी रातरानी है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- मर्यादित हूँ सभ्य शिष्ट लेखन सर्जन से / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- इक ग़ज़ल क्या गा दिये मशहूर हो गये / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जिंदा हैं तो ज़िन्दगी में काम कीजिये / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- क्यों नहीं मैं राह में पत्थर बनूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- खुद कतरती हो जब तुम नयन से / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नहीं इस पार रहना है, नहीं उस पार जाना है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नहीं है आस रोटी की, बुझे ना प्यास पानी से / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- निगाहें पफेर कर मत जा / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नवीन से नवीन इक ग़ज़ल लिखो / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- इधर तेरी उधर तेरी, बताओ है किधर मेरी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- गांव से है न अच्छा कभी ये शहर / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- सभी साथ मिलकर हटाये न पत्थर / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- प्यार में तुम कभी अकबकाना नहीं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हँसी खोजता हूँ खुशी खोजता हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आज हम दीप जलायें घर में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जाम पर जाम निगलते जायें / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ग़ज़ल तो रात की रानी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कलियों की तरह मेरी, गमकेगी ज़िंदगी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आधी रोटी मिलजुलकर खा लेंगे हम / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आजा साजन मेरे आँगन / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आज तक हम ज़िन्दगी में क्या नहीं झेले / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ये ग़ज़ल सुन जरा, कुम्भ में स्नान कर / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- साल तो बदला है, आँगन कहाँ बदले / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- बातें हम करें असल / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- राह से पत्थर हटाना चाहता हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हम देश के सिपाही, यह देश है हमारा / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ये चाँद ये सितारे क्या कह रहे बताओ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आज के माहौल में अपना कहाँ मिलता / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- सापफ कपड़ों की धुलाई कौन करता है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- मजबूरी में हाँ कह देना प्यार नहीं होता / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- घर आने पर पत्नी मुझको डांटती रहती / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- रोते-रोते आँसू सूखे, अब कितना चित्तकारूँ मैं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- सारी दुनिया यही तो इक कलाम बोलता है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- टोला टॉपर में बिन साजन रहती हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- पूछिये इनसे ज़रा दाल क्यों काला हुआ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- इधर सो रहे कुछ उधर जग रहे / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ना उधर देखिये ना इधर देखिये / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हम उगाते रहें खेत में वह पफसल / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- अपने मत को मतदान करें / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जमाने से कह दो जवानी में आये / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कह दिया आपको इशारों में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- देखिये चुनाव आ गया / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जो कुछ भी देखता हूँ, अच्छा नहीं बुझाता / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आजकल लोग मुझे प्यार निभाने कहते / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हम रहें या न रहंे देश बचाये रखना / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- बगीचे पफूल से महके मिलेंगें / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कहोगे बात तो हटकर मिलेगी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नेता विहीन देश हमारा है साथियो / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- तराशे गये हम बहुत प्यार से / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- चलो किसी घर गुलाल कर दंे / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कर इरादा चल पड़ें तो पत्थरें भी कन में हो / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- साथ रहते हैं नहीं अब खास अपने / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आपकी वह नज़र चाहिए / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आपके स्वागत खातिर तैयार बैठा हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आकर हिला पायल कि मैं झनकार बन जाऊँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कश्मीर हमारा था, कश्मीर हमारा है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- चलो इक बार, नदी के पार / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ज़िंदगी गुलजार कर / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- चलेंगे साथ मिलकर हम / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- वह कैसा होगा कल / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- चाँद को बड़का कटोरा में यहाँ हम लायेंगे / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कुछ लोग सपने दिखाते बहुत हैं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ज़िंदगी बेकार तेरे प्यार में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नाखून चबाना बुरी बात है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- बँट गये हम हिन्दू मुसलमान में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आग-सी तपती जवानी छोड़कर मत जा पिया / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जाड़े के मौसम में है नित भोर कुहासा / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जब से लिखना-पढ़ना जाना / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- दिल लिया तो दर्द भी लेना पड़ेगा / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- तेल जैसे ही खौला कड़ाह में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- उगे जमीन में ऐसी नई पफसल सुन लो / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हो अगर बारिश हवा भी रूख बदलेगी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- मैं इधर से उधर जब गया ही नहीं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- अक्स था मेरा अमन साहित्य का वह नूर था / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- सच कहता हूँ तेरे घर में सांप घुसा है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नहीं इनकार करना है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- गांव से है न अच्छा कभी ये शहर / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कागज नहीं होते तो विवादे नहीं होते / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- दवाओं से कहो जाकर, मरीजों पे असर डालो / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आपसे मिलकर खुशी भी झूमने लगती / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- उनसे खुद ही संभलती नहीं ओढ़नी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- इस उमर में भी मैं आँखें चार करता हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हर घड़ी हर नगर में कहर है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह