भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गुंचा / रंजना वर्मा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKPustak
 
{{KKPustak
|चित्र=
+
|चित्र=Guncha-ranjana-verma-kavitakosh.jpg
 
|नाम=गुंचा / रंजना वर्मा
 
|नाम=गुंचा / रंजना वर्मा
 
|रचनाकार=रंजना वर्मा
 
|रचनाकार=रंजना वर्मा
|प्रकाशक=
+
|प्रकाशक=साई प्रकाशन, फैज़ाबाद, उ. प्र.
|वर्ष=
+
|वर्ष=2015
 
|भाषा=
 
|भाषा=
 
|विषय=
 
|विषय=
पंक्ति 61: पंक्ति 61:
 
* [[ पीर को दिल में छिपाना आ गया / रंजना वर्मा]]
 
* [[ पीर को दिल में छिपाना आ गया / रंजना वर्मा]]
 
* [[ शाम ढलने लगी रात हँसने लगी / रंजना वर्मा]]
 
* [[ शाम ढलने लगी रात हँसने लगी / रंजना वर्मा]]
* [[ मेरा जीवन सदा है वतन लिये / रंजना वर्मा]]
+
* [[ मेरा जीवन सदा है वतन के लिये / रंजना वर्मा]]
 
* [[ दिल के कोने पीर ठहरने लगती है / रंजना वर्मा]]
 
* [[ दिल के कोने पीर ठहरने लगती है / रंजना वर्मा]]
 
* [[ तितलियों का सिंगार कौन करे / रंजना वर्मा]]
 
* [[ तितलियों का सिंगार कौन करे / रंजना वर्मा]]

01:15, 15 जून 2018 के समय का अवतरण

गुंचा / रंजना वर्मा
Guncha-ranjana-verma-kavitakosh.jpg
रचनाकार रंजना वर्मा
प्रकाशक साई प्रकाशन, फैज़ाबाद, उ. प्र.
वर्ष 2015
भाषा
विषय
विधा
पृष्ठ
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।