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टहलते-टहलते / रविकांत अनमोल
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टहलते-टहलते / रविकांत अनमोल
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रचनाकार | रविकांत अनमोल |
---|---|
प्रकाशक | बोधि प्रकाशन, जयपुर |
वर्ष | 2010 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | शायरी |
विधा | |
पृष्ठ | 80 |
ISBN | |
विविध | काव्य |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- काव्य जगत का अनमोल मोती / राजेन्द्र नाथ रहबर / रविकांत अनमोल
- मैं और मेरी ग़ज़ल / रविकांत अनमोल
- कोई नग़्मा महब्बत का गाएँ चलो / रविकांत अनमोल
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- तेरे शहर में प्यार फ़क़त अफ़साना है / रविकांत अनमोल
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- तुम्हारी याद को दिल से जुदा होने नहीं देता / रविकांत अनमोल
- दिलों से दिलों के बनाने हैं रिश्ते / रविकांत अनमोल
- तुम ही नहीं जो बात ये कह कर बदल गए / रविकांत अनमोल
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- डूबते सूरज से आँखें चार करके देखिए / रविकांत अनमोल
- दोस्ती को मात मत कर दोस्ती के नाम पर / रविकांत अनमोल
- तुम्ही को रूह के अंदर तलाश करना है / रविकांत अनमोल
- मेरी क़िस्मत मुझपे थोड़ा सा तरस खाती तो है / रविकांत अनमोल
- प्यार की दोस्ती की बात करें / रविकांत अनमोल
- ये हसीं पल कहाँ से लाओगे / रविकांत अनमोल
- नैन मिले तो सोना कैसा / रविकांत अनमोल
- रस्ते में अक्सर मिलता हूँ / रविकांत अनमोल
- मन आँगन में तुलसी तेरी यादों की / रविकांत अनमोल
- जो शिकवे थे लबों तक आ न पाए / रविकांत अनमोल
- थक गया हूँ मैं आबला पा हूँ / रविकांत अनमोल
- फिर से कोई ख़ाब दिखाने वाला है / रविकांत अनमोल
- पस्तियों में खो गया है आदमी / रविकांत अनमोल
- वास्ता दीजे इल्तजा कीजे / रविकांत अनमोल
- ये माना हर कोई इक सा नहीं है / रविकांत अनमोल
- इस दिल को समझाए कौन / रविकांत अनमोल
- दर्द दिल में संभाल कर रखा / रविकांत अनमोल
- इक जो तेरा ख़याल है दिल में / रविकांत अनमोल
- बेकली आए बेख़ुदी आए / रविकांत अनमोल
- आँख रहती है हमेशा नम तुम्हारी याद में / रविकांत अनमोल
- मजबूरियों के हाथों अरमान बेचते हैं / रविकांत अनमोल
- मेरा दम मेरे अन्दर घुट रहा है / रविकांत अनमोल
- कड़ा इम्तिहां देने वाले कहाँ हैं / रविकांत अनमोल
- शाख से टूट कर गिरा पत्ता / रविकांत अनमोल
- मौला पानी देते रहना / रविकांत अनमोल
- उनकी प्यारी प्यारी आँखें / रविकांत अनमोल
- आप से दोस्ती रहे न रहे / रविकांत अनमोल
- मैंने जब तक उसे न देखा था / रविकांत अनमोल
- सारे अपने अब मुझको बेग़ाने लगते हैं / रविकांत अनमोल
- वो चमन की हवाओं जैसा है / रविकांत अनमोल
- दर्द भी दुनिया के इसमें हैं तुम्हारी याद भी / रविकांत अनमोल
- दिल में जो कोई बस जाता है / रविकांत अनमोल
- बयान-ए-दर्द-ए-दिल का भी हुनर ख़ुद में नहीं पाता / रविकांत अनमोल
- हमारा ज़िन्दगी से जब भी नाता टूट जाता है / रविकांत अनमोल
- अंधेरों को मिटाना चाहता हूँ / रविकांत अनमोल
- जो होते रास्ते हमवार मेरे / रविकांत अनमोल
- क्या कहें क्या कर दिखाने का इरादा मन में है / रविकांत अनमोल
- दिल ने ख़ुद को बहुत संभाला है / रविकांत अनमोल
- मेरे प्रीतम कभी तुम सामने आओ तो सही / रविकांत अनमोल
- ख़ुद को इस दर्जा सताने का इरादा मन में है / रविकांत अनमोल
- बशर अंजान है लेकिन कभी ये चुप नहीं रहता / रविकांत अनमोल
- दर्द का गौहर मिरे दिल में सजाया शुक्रिया / रविकांत अनमोल
- तेरी ख़ुशबू जेह्न से मेरे कभी जाती नहीं / रविकांत अनमोल
- मैं सोचने का तरीक़ा बदल भी सकता हूँ / रविकांत अनमोल
- न जाने क्यूं मिरे ग़म ने किया है ग़मज़दा उसको / रविकांत अनमोल
- वो नादां है जो बीते वक्त पर आँसू बहाता है / रविकांत अनमोल
- कभी चुपचाप गुलशन से ग़ुज़र जाने को जी चाहे / रविकांत अनमोल
- न पूछो हमसे कैसे जी रहे हैं / रविकांत अनमोल
- दिल की सब तल्ख़ियां बयान में रख / रविकांत अनमोल
- रहा यूँ तुम्हारे ख़यालों में खोया / रविकांत अनमोल
- नाख़ुदा बन के या ख़ुदा होकर / रविकांत अनमोल
- ठोकरें खाती है संभलती है / रविकांत अनमोल
- दीप आशाओं के राहों में जलाना क्या हुआ / रविकांत अनमोल
- तेरी चाहत में दिन बिताता हूँ / रविकांत अनमोल
- खिलने दो ख़ुशबू पहचानो, कलियों का सम्मान करो / रविकांत अनमोल
- आइना बनने का सपना छोड़ दूँ / रविकांत अनमोल
- काम तरक़ीब से निकाल अपना / रविकांत अनमोल
- दर्द का एहसास हो / रविकांत अनमोल
- आईने को क्या दिखाता आईना / रविकांत अनमोल
- मंज़िलों से जो प्यार करते हैं / रविकांत अनमोल
- अब न बातें जुगों पुरानी कर / रविकांत अनमोल
- दिल में दर्द दबा कर रोए / रविकांत अनमोल
- तेरे सितम पे चाहे मुझे कुछ गिला नहीं / रविकांत अनमोल
- फिर ये पत्ते न जाने किधर जाएँगे / रविकांत अनमोल
- दिल में खुशी नहीं है लब पर हंसी नहीं है / रविकांत अनमोल
- आदमी जाए तो अब जाए कहाँ / रविकांत अनमोल
- वतन की आबरू देखें बचाने कौन आता है / रविकांत अनमोल
- ये हुनर अपना आसमानी है / रविकांत अनमोल
- मुझे अब कत्ल होना है मगर कातिल नहीं मिलता / रविकांत अनमोल
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- उसे मस्जिद बनानी है इसे मंदिर बनाना है / रविकांत अनमोल
- हमारी आन है हिन्दी हमारी शान है हिन्दी / रविकांत अनमोल
- लुटे तुम मौलवी से तो हमें पंडित ने लूटा है / रविकांत अनमोल
- 'अनमोल' अपने आप से कब तक लड़ा करें / रविकांत अनमोल
- उसकी आँखों में नमी सी रह गई / रविकांत अनमोल
- नए सपने सजा कर क्या करोगे / रविकांत अनमोल
- बाग़ में कोयल बोल रही है / रविकांत अनमोल
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- अब तो गहरा गई है रात चलो सो जाएँ / रविकांत अनमोल
- शाम ढलती हुई सी लगती है / रविकांत अनमोल
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- टहलते टहलते मिरे गांव चलिए / रविकांत अनमोल
- महब्बत नहीं / रविकांत अनमोल
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