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21:02, 19 दिसम्बर 2019 का अवतरण
अवधेश्वर प्रसाद सिंह
© कॉपीराइट: अवधेश्वर प्रसाद सिंह। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग अवधेश्वर प्रसाद सिंह की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।
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जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
अवधेश्वर प्रसाद सिंह / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- आ गया हूँ देख माँ तेरी शरण / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ज़िन्दगी है सुहानी तभी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- दर्द दिल में बहुत पर बुझाता नहीं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- तुम जब मिली मुझे तो आया नया सवेरा / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- चाँद तारे मिले, जगमगाते गगन / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- अजगैवी बाबा के घर से, गंगा जल भर लाएंगे / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- मेरे बिस्तर पर सोयी रातरानी है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- मर्यादित हूँ सभ्य शिष्ट लेखन सर्जन से / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- इक ग़ज़ल क्या गा दिये मशहूर हो गये / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जिंदा हैं तो ज़िन्दगी में काम कीजिये / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- क्यों नहीं मैं राह में पत्थर बनूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- खुद कतरती हो जब तुम नयन से / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नहीं इस पार रहना है, नहीं उस पार जाना है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नहीं है आस रोटी की, बुझे ना प्यास पानी से / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- निगाहें फेर कर मत जा / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नवीन से नवीन इक ग़ज़ल लिखो / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- इधर तेरी उधर तेरी, बताओ है किधर मेरी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- गांव से है न अच्छा कभी ये शहर / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- सभी साथ मिलकर हटाये न पत्थर / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- प्यार में तुम कभी अकबकाना नहीं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हँसी खोजता हूँ खुशी खोजता हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आज हम दीप जलायें घर में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जाम पर जाम निगलते जायें / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ग़ज़ल तो रात की रानी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कलियों की तरह मेरी, गमकेगी ज़िंदगी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आधी रोटी मिलजुलकर खा लेंगे हम / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आजा साजन मेरे आँगन / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आज तक हम ज़िन्दगी में क्या नहीं झेले / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ये ग़ज़ल सुन जरा, कुम्भ में स्नान कर / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- साल तो बदला है, आँगन कहाँ बदले / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- बातें हम करें असल / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- राह से पत्थर हटाना चाहता हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हम देश के सिपाही, यह देश है हमारा / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ये चाँद ये सितारे क्या कह रहे बताओ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आज के माहौल में अपना कहाँ मिलता / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- साफ कपड़ों की धुलाई कौन करता है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- मजबूरी में हाँ कह देना प्यार नहीं होता / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- घर आने पर पत्नी मुझको डांटती रहती / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- रोते-रोते आँसू सूखे, अब कितना चित्तकारूँ मैं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- सारी दुनिया यही तो इक कलाम बोलता है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- टोला टॉपर में बिन साजन रहती हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- पूछिये इनसे ज़रा दाल क्यों काला हुआ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- इधर सो रहे कुछ उधर जग रहे / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ना उधर देखिये ना इधर देखिये / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हम उगाते रहें खेत में वह फसल / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- अपने मत को मतदान करें / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जमाने से कह दो जवानी में आये / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कह दिया आपको इशारों में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- देखिये चुनाव आ गया / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जो कुछ भी देखता हूँ, अच्छा नहीं बुझाता / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आजकल लोग मुझे प्यार निभाने कहते / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हम रहें या न रहें देश बचाये रखना / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- बगीचे फूल से महके मिलेंगें / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कहोगे बात तो हटकर मिलेगी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नेता विहीन देश हमारा है साथियो / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- तराशे गये हम बहुत प्यार से / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- चलो किसी घर गुलाल कर दें / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कर इरादा चल पड़ें तो पत्थरें भी कन में हो / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- साथ रहते हैं नहीं अब खास अपने / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आपकी वह नज़र चाहिए / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आपके स्वागत खातिर तैयार बैठा हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आकर हिला पायल कि मैं झनकार बन जाऊँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कश्मीर हमारा था, कश्मीर हमारा है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- चलो इक बार, नदी के पार / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ज़िंदगी गुलजार कर / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- चलेंगे साथ मिलकर हम / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- वह कैसा होगा कल / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- चाँद को बड़का कटोरा में यहाँ हम लायेंगे / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कुछ लोग सपने दिखाते बहुत हैं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- ज़िंदगी बेकार तेरे प्यार में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नाखून चबाना बुरी बात है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- बँट गये हम हिन्दू मुसलमान में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आग-सी तपती जवानी छोड़कर मत जा पिया / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जाड़े के मौसम में है नित भोर कुहासा / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- जब से लिखना-पढ़ना जाना / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- दिल लिया तो दर्द भी लेना पड़ेगा / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- तेल जैसे ही खौला कड़ाह में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- उगे जमीन में ऐसी नई फसल सुन लो / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हो अगर बारिश हवा भी रूख बदलेगी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- मैं इधर से उधर जब गया ही नहीं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- अक्स था मेरा अमन साहित्य का वह नूर था / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- सच कहता हूँ तेरे घर में सांप घुसा है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- नहीं इनकार करना है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- कागज नहीं होते तो विवादे नहीं होते / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- दवाओं से कहो जाकर, मरीजों पे असर डालो / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- आपसे मिलकर खुशी भी झूमने लगती / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- उनसे खुद ही संभलती नहीं ओढ़नी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- इस उमर में भी मैं आँखें चार करता हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
- हर घड़ी हर नगर में कहर है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह