संत जुड़ीराम
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संत जुड़ीराम / परिचय |
- गणपति चरण सरोज मनाऊँ / संत जूड़ीराम
- राम दियाल दिया कर हेरो / संत जूड़ीराम
- अब प्रभु टेर सुनो प्रभु मोरी / संत जूड़ीराम
- वे रघुवर को जानत मन की / संत जूड़ीराम
- ऐसे प्रनत पाल रघुराई / संत जूड़ीराम
- रघुवर चरित अमित सुक दायक / संत जूड़ीराम
- तुम हरहों दीनन के मांही / संत जूड़ीराम
- अब हम हर के दास कहाके / संत जूड़ीराम
- जनक सुता पति सरन तुमारे / संत जूड़ीराम
- रघुवर सरन गहों मन मेरे / संत जूड़ीराम
- जो लगि राम नाम नहिं चीना / संत जूड़ीराम
- हर बिन वृथा धरें नर देही / संत जूड़ीराम
- हर बिन हार चलों जग रीते / संत जूड़ीराम
- हर बिन जनम गमायो बेबारा / संत जूड़ीराम
- जौ हर नाम-नाम बिन जाने / संत जूड़ीराम
- बिन हर नाम हृदय अंधियारी / संत जूड़ीराम
- भज मन राम नाम सुककारी / संत जूड़ीराम
- ऐसी मन ने मार लगाई / संत जूड़ीराम
- भजन बिन भयो भार को झार / संत जूड़ीराम
- भजन बिन जीव गयो बेकाम / संत जूड़ीराम
- अस हर नाम जगत भय हारी / संत जूड़ीराम
- अस हर नाम हिरदय जब आबे / संत जूड़ीराम
- झगड़ा परो भरम को भारी / संत जूड़ीराम
- निरख नाम चित चेत गहो रे / संत जूड़ीराम
- नाम बिना तन जात बहो रे / संत जूड़ीराम
- अस हर नाम जपो मय भंजन / संत जूड़ीराम
- राम नाम बिन फिरत भुलानो / संत जूड़ीराम
- जिन चिन्हों निज नाम ठिकानो / संत जूड़ीराम
- भजन बिना तन वृथा बहायो / संत जूड़ीराम
- अस जड़ जीव भजहिं नहिं स्वामी / संत जूड़ीराम
- भूल तज भज राम सनेही / संत जूड़ीराम
- जब तें आयो सरन राम के / संत जूड़ीराम
- ऐसो जीव जाल पचिहारो / संत जूड़ीराम
- राम नाम चित चेत सबेरा / संत जूड़ीराम
- अब चित चेत लखो निज नापमे / संत जूड़ीराम
- है प्यारो निज नाम सहारो / संत जूड़ीराम
- नाम बिना तन जात बहोरे / संत जूड़ीराम
- नाम बिना तन कोन काम रे / संत जूड़ीराम
- तन बहो जात हर नाम बिना / संत जूड़ीराम
- बिना हर भक्त जक्त भयो बंधा / संत जूड़ीराम
- भजन बिना नहीं गत तेरी / संत जूड़ीराम
- ऐसी मत मंद फंद नहिं सूझे / संत जूड़ीराम
- जबते राम नाम मत सानी / संत जूड़ीराम
- जबतें सतगुरु शबद लखायो / संत जूड़ीराम
- नाम दिया बिन घट अंदयारो / संत जूड़ीराम
- जो लो मन पाखंड में भूला / संत जूड़ीराम
- भजन बिना जुग-जुग डहकायो / संत जूड़ीराम
- भजन बिना कोऊ पार न पावे / संत जूड़ीराम
- है घर अगम सुगम गुरु गायो / संत जूड़ीराम
- अचल सुहाग कियो गुरु मेरो / संत जूड़ीराम
- अपने बिना सुपन में तूलो / संत जूड़ीराम
- खेलत खेल खिलाड़न माया / संत जूड़ीराम
- मन माया को मारग झीनो / संत जूड़ीराम
- बैठी खलक खिलाबे माया / संत जूड़ीराम
- माया मोह जगत सब झोले / संत जूड़ीराम
- पीव बिना जब जीव गमायो / संत जूड़ीराम
- गुरु पद लाग जगो मन मेरे / संत जूड़ीराम
- जो परपंच रहस माया को / संत जूड़ीराम
- है प्यारो निज नाम निहारो / संत जूड़ीराम
- ऐसे निज नाम की खबर जब आई / संत जूड़ीराम
- हे मन मूड़ समझया मत रे / संत जूड़ीराम
- लखो निज नामे धाम अखंड / संत जूड़ीराम
- राम रस पीवत पीर गई / संत जूड़ीराम
- है सोई सकी पिया जू की प्यारी / संत जूड़ीराम
- पियाजू के पास अगम गति पाई / संत जूड़ीराम
- अपने पिया जू से प्रीत लगाई / संत जूड़ीराम
- अब हम पायो पिया मनमानी / संत जूड़ीराम
- सतगुरु कही महल की बानी / संत जूड़ीराम
- सूरत सुन्न नाम पहचानो / संत जूड़ीराम
- अवगति की गति रहत नियारी / संत जूड़ीराम
- ऐसो निज नाम नजर नहिं आया / संत जूड़ीराम
- ऐसो दीदार दरख जब आयो / संत जूड़ीराम
- नाम बिना तन विरथा गमायो / संत जूड़ीराम
- नाम बिना नहिं मिलत ठिकानो / संत जूड़ीराम
- निसि दिन नाम प्रेम धुन छाई / संत जूड़ीराम
- हरदम राम नहीं पहचानो / संत जूड़ीराम
- नाम बिना भूलो अस बनरे / संत जूड़ीराम
- राम रस पीवत ही मर जैहै / संत जूड़ीराम
- राम रस पीवत पीर गमाई / संत जूड़ीराम
- जापे कृपा राम राया की / संत जूड़ीराम
- भूल तज भज राम सनेही / संत जूड़ीराम
- गगन में स्याम घटा रई छाई / संत जूड़ीराम
- खेलत गगन ज्ञान मतवाला / संत जूड़ीराम
- अस निज नाम ज्ञान गम होई / संत जूड़ीराम
- अब गुरु शबद मने मोहि दीना / संत जूड़ीराम
- येसे घर आय भजन कर जग में / संत जूड़ीराम
- अब हम शबद सैन लखपाई / संत जूड़ीराम
- सुरत समार शबद घर खेलो / संत जूड़ीराम
- जग में मची ठगोरी भारी / संत जूड़ीराम
- सुरत समार लौट के हेरो / संत जूड़ीराम
- ऐसों तन भयो गयो सब ही को / संत जूड़ीराम
- आवत केल खेल नहिं जानो / संत जूड़ीराम
- ऐसी कर खबर समझ घर आया / संत जूड़ीराम
- ऐसी निज नाम हर्ष हिय हेरो / संत जूड़ीराम
- अब गुरु सरन लियो तक तेरो / संत जूड़ीराम
- सखी सुक सेज पिया ढिग आई / संत जूड़ीराम
- जो सुक सकी पीव अपने में / संत जूड़ीराम
- यैसो तन जात भजन बिन बीतौ / संत जूड़ीराम
- जो पे शबद नहीं मन रांचो / संत जूड़ीराम
- जबते सतगुरु शबद लखायो / संत जूड़ीराम
- जो मन-तन विश्राम न पावे / संत जूड़ीराम
- अब लौ गई लुगाई आई / संत जूड़ीराम
- मन महरानिन देख भुलानो / संत जूड़ीराम
- भारी मर्म शर्म न टूटै / संत जूड़ीराम
- भूलो वन मन मुरक मिलायो / संत जूड़ीराम
- कासै कहों कोई मानै न कहो रे / संत जूड़ीराम
- दिल कहुं न मिला जग ठगिया है / संत जूड़ीराम
- भूलो खलक झलक माया की / संत जूड़ीराम
- अब हम चेत हेत उर हेरी / संत जूड़ीराम
- जागो नहीं जाग जल भारी / संत जूड़ीराम
- जान बहार दहार बहो रे / संत जूड़ीराम
- गुरु सुरतार शबद सुन जागो / संत जूड़ीराम
- अब निज नाम जान मन मानो / संत जूड़ीराम
- करत बिहार बाग में डेरा / संत जूड़ीराम
- भूलन परी मर्म की भारी / संत जूड़ीराम
- उरझो जगत भक्त बिसराई / संत जूड़ीराम
- होत अबेर भजन कर भाई / संत जूड़ीराम
- है कोई जूझ समर रन गाजं / संत जूड़ीराम
- बाला सोई जपै हर माला / संत जूड़ीराम
- हरदम माल जुगत से फेरो / संत जूड़ीराम
- ऐसे ही ऐल फैल कर धावे / संत जूड़ीराम
- हर बिन हारो जगत लराई / संत जूड़ीराम
- सकी री मैं शबद चेत बरसाया / संत जूड़ीराम
- होली खेलो सकी हरि के संग / संत जूड़ीराम
- या तन तपन परै दिन रैन / संत जूड़ीराम
- पूरन गुरु मिल जागे भाग / संत जूड़ीराम
- देखो साधो रित बसंत / संत जूड़ीराम
- देखो मन की कठिन मार / संत जूड़ीराम
- सोवे का सुन जाग मीत / संत जूड़ीराम
- आवत जात समीप लखत न कोई रे / संत जूड़ीराम
- सतगुरु के परताप ताप तन री गई / संत जूड़ीराम
- मूल कमल आसन ठनी हले मेर सुमेर / संत जूड़ीराम
- बहै गंग पाताल को फिर अकाश चढ़ जाय / संत जूड़ीराम
- बंदौ गुरु गनेस शेष और सारदा / संत जूड़ीराम
- सिद्ध श्री गणेश परम गुरु ध्याईये / संत जूड़ीराम
- रे मन चेत अचेत सुरत ठहराई ले / संत जूड़ीराम
- गुरु समरत दीन दयाल हो / संत जूड़ीराम
- जो चाहे अचल औवात हो / संत जूड़ीराम
- ऐसो कियेा न विमल विवेक हो / संत जूड़ीराम
- अस भूलन परी अपार हो / संत जूड़ीराम
- ऐसो करो बनज बेपार हो / संत जूड़ीराम
- ऐसी गहन आई हाथ को / संत जूड़ीराम
- ऐसी मन माया को खेल हो / संत जूड़ीराम
- ऐसी समझ बिना बेहाल हो / संत जूड़ीराम
- हर भजन दियो बिसराय हो / संत जूड़ीराम