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ज
जगद्विनोद / पद्माकर
जनक छंद / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
जभी मंच पर खूब जाने लगेंगे / बाबा बैद्यनाथ झा
जी रहा है ठाठ से वह बेचता ईमान है / बाबा बैद्यनाथ झा
जोहे जाहि चाँदनी की लागति भली न छवि / दास
जौँ हौँ कहौँ रहिये तो प्रभुता प्रगट होत / केशव.
झ
झाँझरियाँ झनकैगीँ खरी खनकैगीँ चुरी तन को तन तोरे / दास
झूंठ की जमात जुरी पाप अधिकारी जहाँ / शिवदीन राम जोशी
ट
टिक टिक करती घड़ियाँ बोलीं, साथ समय के चलना / ऋता शेखर 'मधु'
त
तन धन जोबन / शिवदीन राम जोशी
तुम मसृण पाणि मम पड़ सहला सो गए प्राण ले मधु सपना। / प्रेम नारायण 'पंकिल'
त्यागी / शब्द प्रकाश / धरनीदास
थ
था कहा "अधर-रस-सुधा पिला" तन्वंगी ने तब था पूछा । / प्रेम नारायण 'पंकिल'
था कहा "धूसरित ग्रीष्म गगन या सरस बरसता पावस हो। / प्रेम नारायण 'पंकिल'
थ आगे.
थे नाप रहे नभ ओर-छोर चढ़ धारधार पर धाराधर / प्रेम नारायण 'पंकिल'
द
दण्डक / शब्द प्रकाश / धरनीदास
दिनकर / ऋता शेखर 'मधु'
दुरिहै क्यों भूखन बसन दुति जोबन की / केशव.
दुष्टकूट / शब्द प्रकाश / धरनीदास
देगा न एक कोई इशारा तुम्हारे बाद / बाबा बैद्यनाथ झा
देह में भागवत विचार / शब्द प्रकाश / धरनीदास
देह में रामायण विचार / शब्द प्रकाश / धरनीदास
द्रौपदी रक्षा / शब्द प्रकाश / धरनीदास
द्रौपदी विनय / शब्द प्रकाश / धरनीदास
ध
धन्य आत्मा / शब्द प्रकाश / धरनीदास
धाम क्षेत्र / शब्द प्रकाश / धरनीदास
धूरि चढ़ै नभ पौन प्रसँग तें कीच भई जल संगति पाई / दास
ध्यान आनन्द / शब्द प्रकाश / धरनीदास
न
नया साल / ऋता शेखर 'मधु'
ना सखी श्याम हमारे कहे को / शिवदीन राम जोशी
नाचति गावति पढ़ति सब / प्रवीणराय
नाना ईश्वरवाद / शब्द प्रकाश / धरनीदास
निज हीनता / शब्द प्रकाश / धरनीदास
नैनन के तारन मै राखौ प्यारे पूतरी कै / केशव.
नैनन को तरसैए कहाँ लौं / दास
प
पद / 5 / रानी रघुवंशकुमारी
पद / 6 / रानी रघुवंशकुमारी
पद / 7 / रानी रघुवंशकुमारी
परशुराम स्वर्ग वासतिथि / शब्द प्रकाश / धरनीदास
पवन चक्र परचंड चलत, चहुँ ओर चपल गति / केशव.
पहाड़ा / शब्द प्रकाश / धरनीदास
पाँव को देख रास्ता बनता / बाबा बैद्यनाथ झा
पायन को परिबो अपमान अनेक सोँ केशव मान मनैबो / केशव.
पी कहाँ पी कहाँ रटे जा रहा था पपीहरा उत्पाती / प्रेम नारायण 'पंकिल'
पूजा पाठ तीर्थ-व्रत की असारता / शब्द प्रकाश / धरनीदास
पौडर लगाये अंग / वचनेश
प्यार पाकर आपका जिस दिन फ़ना हो जाऊँगा / बाबा बैद्यनाथ झा
प्यारे का पंथ / शब्द प्रकाश / धरनीदास
प्रियसम्मिलन / शब्द प्रकाश / धरनीदास
प्रीति / शब्द प्रकाश / धरनीदास
ब
बनारसी (भाषा) चेतावनी / शब्द प्रकाश / धरनीदास
बात चलै की चली जबतेँ तबतेँ चले काम के तीर हजारन / दास
बादि छवो रस व्यँजन खाइबो बादि नवो रस मिश्रित गाइबो / दास
बार अंध्यारनि मैँ भटक्यो हौँ / दास
बिनती रायप्रबीन की / प्रवीणराय
बेला विदाई की / ऋता शेखर 'मधु'
बोली "सुधि करो प्राण !कहते थे हमने देखा है सपना / प्रेम नारायण 'पंकिल'
ब्रह्मनिष्ठ / शब्द प्रकाश / धरनीदास
भ
भगतसिंह / श्रीकृष्ण सरल
भर रही अंग में थी अनंग-मद सिहर लहर पुरवईया की / प्रेम नारायण 'पंकिल'
भूलते न क्षण प्रियतम इंगित से तुमने मुझे बुलाया था। / प्रेम नारायण 'पंकिल'
भेद लीला / शब्द प्रकाश / धरनीदास
भोजपुरी (भाषा) परपंच करना व्यर्थ / शब्द प्रकाश / धरनीदास
म
मन की क्या परतीत / शिवदीन राम जोशी
महादेव विनय / शब्द प्रकाश / धरनीदास
माँ शारदे! घर में पधारो, पंचमी त्यौहार है / ऋता शेखर 'मधु'
मुसीबत अभी है बहुत ही बड़ी / बाबा बैद्यनाथ झा
मैन ऎसो मन मृदु मृदुल मृणालिका के / केशव.
र
राम सहाय तो भय व्यर्थ / शब्द प्रकाश / धरनीदास
रामचंद्रिका / केशवदास
रितु ग्रीषम की प्रति बासर केशव, खेलत हैं जमुना-जल में / केशव.
रेखता (अलिफ नामा 3) / शब्द प्रकाश / धरनीदास
रेखता (अलिफनामा 2) / शब्द प्रकाश / धरनीदास
ल
लंगोटी लगाने से जटा के बढ़ाने से / शिवदीन राम जोशी
लेहु जु लाई हौँ गेह तिहारे परे जेहि नेह सँदेस खरे मैँ / दास
व
वाही घरी तें न सान रहै / दास
विनय 3 / शब्द प्रकाश / धरनीदास
विनय 4 / शब्द प्रकाश / धरनीदास
विनय 5 / शब्द प्रकाश / धरनीदास
विनोदानन्द की कृपा / शब्द प्रकाश / धरनीदास
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