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रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
Kavita Kosh से
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
जन्म | 19 मार्च 1949 |
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उपनाम | हिमांशु |
जन्म स्थान | ग्राम हरिपुर, तहसील बेहट, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
खूँटी पर टँगी आत्मा (व्यंग्य-संग्रह), मेरे सात जनम (हाइकु-संग्रह) , मिले किनारे (तांका-चोका -संग्रह), चन्दनमन (हाइकु संग्रह), भाव-कलश (ताँका संग्रह) दोनों संग्रह भावना कुँअर के साथ सम्पादित, उजास साथ रखना (चोका संग्रह) भावना कुँअर और डॉ हरदीप सन्धु के साथ सम्पादित, डॉ सुधा गुप्ता के हाइकु में प्रकृति (रागात्मक मनोभूमि: संचयन और संचरण) | |
विविध | |
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जीवन परिचय | |
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' / परिचय |
विषय सूची
रचना-संग्रह
- मेरे सात जनम / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मिले किनारे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ और डॉ0 हरदीप कौर सन्धु
- झरे हरसिंगार / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- माटी की नाव / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मैं घर लौटा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- चन्दनमन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- भाव-कलश / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- तुम सर्दी की धूप / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- ओ चिरैया / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- इस सभा में चुप रहो / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- लौटते कभी नहीं / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- तुम बोना काँटें / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- कहाँ गए? / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- दिन डूबा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मुखड़ा हुआ अबीर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- उदास छाँव / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- गाँव अपना / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- इस शहर में / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- जेब कतरा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मेरी माँ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बच्चे और पौधे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- अंगार कैसे आ गए / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- एक बच्चे की हँसी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- आजकल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- बात तुम करना नहीं / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बेटियों की मुस्कान / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- ये ज़ंजीरें / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- कोई नहीं उदास हो / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- घाटी में धूप / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- कवि जी पकड़े गए / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मैं घर लौटा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बचकर रहना / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बहता जल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- अधर पर मुस्कान / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- तिनका-तिनका / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- जंगल-जंगल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- अंधकार ये कैसा छाया / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- गोरखधन्धा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- दौलत और नींद / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बंजारे हम / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- वश में है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- रिश्तों की आँच / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मुदित नया साल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बयान / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- लेटी है माँ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- जीवन के ये पल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मुझे आस है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- साँस / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- अपना मन / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बरसाती नदी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- किताबें / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- उम्र की चादर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- दुख सगा है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- इस धरती पर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- चाँद–सा माथा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- शृंगार है हिन्दी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- अमलतास के झूमर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- आज की कविता / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- सच की ज़ुबान / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- कुछ दु:ख झेलो / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- पुरानी कमीज़ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मेरे मन / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- तुम मत घबराना / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- सदा कामना मेरी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- उजाले / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मैं खुश हूँ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- कर्मठ गधा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- हरियाली के गीत / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- दिया जलता रहे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कुछ कीजिए / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- हाँफता हुआ बच्चा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उजियारे के जीवन में / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मुक्तक / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जब सूरज जग जाता है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जरूरी है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- काँपती किरनें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मेघ छाए / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- श्वान - पीड़ित / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- भोर की किरन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कविता क्या है? / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- चार मुक्तक / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- करो भोर का अभिनन्दन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- दो मुक्तक / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जीवन की कर्मभूमि / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जब तक बची दीप में बाती / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- इसे ध्यान में रखना / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कितना अच्छा होता! / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- ये घर बनाने वाले / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- खड़े जहाँ पर ठूँठ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- आँसू-छन्द / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- तुमको खुद ही लड़ना होगा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- हम सब कुछ सहते हैं / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- सूरज अभी निकला है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- खिल गए फूल पलाश के / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- आज़ादी है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- ताश का घर / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जीवन के अँधेरों में / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- एक उदास लड़की के लिए /रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अपने और सपने / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आत्मा की प्यास तुम हो / रामेश्वर काम्बोज हिमांशु’
- अपनी ओर मोड़ लूँ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- खेत छिने / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- खुद लड़ना होगा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- एक बूँद थी माँगी(मुक्तक) / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- तारा आखिरी पहर का(मुक्तक) / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अवसादी मन! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- चाँद अकेला है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- तुमने मान लिया / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मेरे मन -आँगन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- बहुत हो चुका / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मैं पानी,मैं जीवन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- निशान / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- पत्थर और फूल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- पानी रोता नहीं / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- हूक तेरी घाटियों में / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मुझको वह दर्पन देना (मुक्तक) / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- हम ना होंगे जब (मुक्तक) / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अकेला कौन है जब (मुक्तक) / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- दर्पण की धूल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अक्षर नहीं मरा करते हैं / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मन का रिश्ता है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कपट-कथा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
दोहे
- अफ़सर –अजगर दो खड़े / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- गाँव की चिट्ठी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- वासन्ती दोहे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- मुस्कानों के बीज-नव वर्ष के दोहे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- उर का कम्पन-दोहे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- आएँगे तूफ़ान भी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- जागे सारी रात / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कुछ तो माँगो आज / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- टिका दिए हैं ओक में / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अपने वश में कुछ नहीं / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कोंपल तक झुलसा गई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जहाँ -जहाँ मुझको मिली / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- पढ़ी हथेली आपकी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- गले मिले जो आप / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- पूजा-सी पावन लगे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- तुम मेरा ही रूप हो / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- पात टूटकर डाल से / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मिटा सकीं कब दूरियाँ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- एक किरण है भोर की / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
माहिया
- आँसू जब बहते हैं(माहिया) /रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मन में धीर धरो(माहिया) /रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- हर नारी की गाथा(माहिया) /रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- पनघट भी प्यासा है(माहिया) /रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- हम याद न आएँगे(माहिया) /रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मन-मीत चले आओ (माहिया) /रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अकेले हैं (माहिया) / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
हाइकु
- मेघ बरसे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- व्याकुल गाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- फैली मुस्कान-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- काँपती देह -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्यार का कर्ज़-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उठी थी पीर-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- इस जग में -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- सिहरा ताल-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- शीतल छाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- निर्मोही जग -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आओ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आप जो आए / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उठा तूफान / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- एक ही रूप / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अंक में भरो / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- खड़े हैं लाखों / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कटे न पाश / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्रतिमा रोई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्राण सींचती / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- ममतामयी ! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- छलके शब्द / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- तुझको बाँचूँ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आकुल बाहें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अमा की रात / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- चौमुखा दिया / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कोई कलम / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- घाव तुम्हारे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मन-माला गुँथे हो / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- रोती सजनी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- लौटना नहीं / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जाने न कोई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अधर- मधु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- तेरा भुजबन्धन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्राण-पाहुने / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उड़ने दो पतंग / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- हम पाहुने / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अनुरागी अधर / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
ताँका
- ताँका 1-10 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- ताँका 11-20 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- ताँका 21-30 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- ताँका 31-40 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- ताँका 41-50 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- ताँका 51-60 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- झरना बहाएँगे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कामना यही-1-8 / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अलक विचुम्बित भाल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्यासा गगन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कभी पिला दो / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उष:काल में / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्रिय की याद / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- तुम क्या जानो / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- पोर से छुआ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- ओर न छोर / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- देह का धर्म / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- निर्मलमना ! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अगरू गन्ध रोई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अंक में सोई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- एकान्त टूटा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- तुम्हें अर्पण करें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उदास नैन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आदमी है ठीकरा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
चोका
- चोका 1-2 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- चोका 3-4 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- चोका 5-6 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- चोका 7-8 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- चोका 9-10 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- पीर- तरी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- तुमको पाया / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मेरे सूरज / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- हमने लिखा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कँटीली शय्या / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मेरा भी कोई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्राणों की डोर / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- चूमा था भाल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- हारना नहीं / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- घना है वन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उजड़ा सुहाग है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- काँटे ही काँटे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कण-कण से / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्रथम ग्रास / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जीवन जिया / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आँसू जो पोंछे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आए नोचने / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आँखें पोंछ लो / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अभिशप्त अप्सरा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कहो किसकी भूल ! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उमड़ी आँधी ! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- ओट हाथ की / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अशान्त मन ! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- नदिया तीरे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- डोर चाँदनी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- लिखा जो शिलालेख / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- चन्दन वन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अब जाल समेटो / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- पिंजरे में चिड़िया / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मन-दर्पण / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- परिभाषा से परे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आँधी को रोका / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- घृणा थी रौंदी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- बीमार मन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
सेदोका
- उर में छाले / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मन की झील / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उमग पड़ी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- बिके हाट में / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- पास आ बैठे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उर–कम्पन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- बीता जीवन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आग की नदी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कौन अपना? / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- झीलें है सूखी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अतीत बीता / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- माँगना तुम्हीं / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
क्षणिकाएँ
- आहत मन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अधूरी बातें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अधरों पर / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उम्र तमाम / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
बाल कविताएँ
- (मेरी नानी, भारी बस्ता, पत्ता, दादा जी, रोमा)
- (चाचा जी का बन्दर, तारे, तितली रानी, नन्हीं चींटी, मुर्गा बोला)
- (माली, मोर, माता-पिता, बापू, तिरंगा)
- (तोता, फल, मोटूराम, मेंढक जी, सवाल)
- (रेल चली, हाथी दादा, प्यारे बादल, सावन आया, बादल)
- (जब खेलने आये बच्चे, हरी पत्तियाँ, अक्कड़-बक्कड़)
- (लोरी, आ भाई सूरज, धूप की चादर)
- (हम चाँद बनेंगे, सूरज का गुस्सा, सबसे प्यारे, दो बदमाश )
- (लाल बुझक्कड़, मेरे मामा, गुड़िया रानी )
- (मेरा घोड़ा, काली बिल्ली, देश हमारा)
- (हुआ सवेरा, प्यारे पक्षी, मीठी बोली)
- (जंगल का गीत, बन्दर अफ़लातून, नटखट बन्दर)
- (जब सूरज जग जाता है, घर में आई बिल्ली, चन्दा मेरे घर आना )