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भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
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- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
- अगर चन्दन का बण्या रे किवाड़ / निमाड़ी
- अनहद मन म्हारो रमी रयो / निमाड़ी
- अन्त नी होय कोई आपणा / निमाड़ी
- अमर कंट निज धाम है / निमाड़ी
- अमुक भाई वालई खऽ राखड़ी भरात / निमाड़ी
- अरे सायबा खेलणऽ गई गनागौर / निमाड़ी
- आणो आयो रे पारीब्रम्ह को / निमाड़ी
- आपसे हो म्हारो लखपति बाप / निमाड़ी
- आया अयोध्या वाला कुवर दो / निमाड़ी
- आयो-आयो चैतडल्या रो मास जी / निमाड़ी
- आव रे चांद भैंसी बान्ध / निमाड़ी
- इनी धरती आदो नींपज्यो आदा का चिकणा ते पान जी / निमाड़ी
- उंकार देव न लिख्या कागज दई भेज्या / निमाड़ी
- उच्चो सो पीप्पल कोपळयो हो देवी / निमाड़ी
- ऐसी भक्ति साधू मत किजीये / निमाड़ी
- ऐसी हो प्रीत निभावजो / निमाड़ी
- ऐसो करम मत किजो रे सजना / निमाड़ी
- कब के भये बैरागी कबीर जी / निमाड़ी
- कबीरो किन भरमायो, अम्माँ महारो / निमाड़ी
- करन्ड कस्तूरी भरिया छाबा भरिया फूलड़ा जी / निमाड़ी
- कहा तक तोहे समझाऊ / निमाड़ी
- काया नही रे सुहाणी भजन बिन / निमाड़ी
- काहे का कारण सखी हो मेहुलो सो वरस्यो / निमाड़ी
- कुण भाई जासे चाकरी कुण भाई जासे गढ़ रे गुजरात? / निमाड़ी
- कुवां पाणी कसी जाऊँ रे नजर लगी जाय / निमाड़ी
- कैसे चीर बड़ायो प्रभू ने / निमाड़ी
- कैसे रुप बड़ायो रे नरसींग / निमाड़ी
- कोई नी मिल्यो म्हारा देश को / निमाड़ी
- क्यो रोये मोरी माई हो ममता / निमाड़ी
- खेती खेडो रे हरिनाम की / निमाड़ी
- गढ़ रे गुजरात सु देव गणपति आया हो / निमाड़ी
- गढ़ हो गुंडी उप्पर नौबत वाज / निमाड़ी
- गहूँ काटणनीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ / निमाड़ी
- गाड़ा जुप्या रे देव गाडुला / निमाड़ी
- गोर ए गणगौर माता खोल किँवाडी / निमाड़ी
- घर की मांडण बेटी अमुक बाई दीनी / निमाड़ी
- घोड़ी बठी नऽ धणियेरजी आया / निमाड़ी
- चन्दन से भरी हो तळाई / निमाड़ी
- चन्दरमा निरमळई रात / निमाड़ी
- चली गई माल दुलारी तजी न थारी / निमाड़ी
- चलो पंक्षी रे सब पावणा / निमाड़ी
- चलो मनवा उस देश को / निमाड़ी
- चलो मनवा रे जहाँ जाइयो / निमाड़ी
- जन्म दियो रे हरी नाम ने / निमाड़ी
- जायगो हऊ जाणी रे मन तूक / निमाड़ी
- जी हो आज म्हारो देवमन्दिर लहलहे / निमाड़ी
- जी हो आज म्हारो पटसाळ सूनो लगऽ / निमाड़ी
- जी हो ए ही रे दिवलो इन्द्र लुहार नऽ घड़ियो / निमाड़ी
- जी हो पाँच बधावा म्हारा यहाँ आविया / निमाड़ी
- जीवणा है दिन चार जगत में / निमाड़ी
- जोगी ढ़ुढ़ण हम गया / निमाड़ी
- जोगी ढ़ुढ़ण हम गया / निमाड़ी
- झाँझ वाजऽ मिरधिंग वाजऽ म्हारो हार हिलोळा लेय / निमाड़ी
- झाळ झपकऽ बिन्दी चमकऽ बोलऽ अमृत वाणी / निमाड़ी
- डावां हाथ तेल-फुलेल जवणा हाथ आरती जी / निमाड़ी
- डोलो सजायो रे राई आंगणा / निमाड़ी
- ढेल तो परवत भई रे आंगणो भयो परदेश / निमाड़ी
- तुम तो जाओ संजा बेण सासरऽ / निमाड़ी
- तुम तो जागो न हो अमुक भाई घर की नार / निमाड़ी
- तुम देवो रजा घर जावां / निमाड़ी
- तुम म्हारी नौका धीमी चलो / निमाड़ी
- थारो काई काई रूप बखाणूँ रनुबाई / निमाड़ी
- दया करो म्हारा नाथ / निमाड़ी
- दिया-बत्ती हुओ रे मिलाप बय लड़ी सांजुली / निमाड़ी
- दुखः सुखः मन म नी लावणा / निमाड़ी
- दूधन भरी तलावड़ी लोणी बांधी पाळ / निमाड़ी
- दूब का डांडळा अकाव का फूल / निमाड़ी
- दूर-दूर की म्हारी मोठी बईण तुखऽ लेणऽ कुण जासे / निमाड़ी
- देवी आज म्हारा आंगणा मऽ लाल छड़ो देवासे / निमाड़ी
- देह से हो हंसा निकल गया / निमाड़ी
- धीर धीर साथ म्हारा गाव / निमाड़ी
- नद्दी नद्दी दिया बळऽ रे काई जनावर जाय / निमाड़ी
- नाना म्हारा का ठुमक्या पांय / निमाड़ी
- नानी-सी गाय गटर-गैंगणी सौ पूला खाय / निमाड़ी
- नानी-सी मांजरी मालवऽ गई मालव सी लाई माटी / निमाड़ी
- नानो अम्बो नऽ गढ़ झूमको / निमाड़ी
- नानो म्हारो नानो म्हारो करती थी घींव घड़ा मऽ भरती थी / निमाड़ी
- नानो सो चम्पो गंगा घर लगई आया / निमाड़ी
- नीकल चले दो भाई रे बन को / निमाड़ी
- नीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ / निमाड़ी
- पढ़ो रे पोपट राजा राम का / निमाड़ी
- पति क्यो बैठया उदास रात दिन / निमाड़ी
- पहली राखी म्हारा नाना भाई खऽ बांधूँ / निमाड़ी
- पाँच बधावा पिया न हो गढ़ रे सुहाना हो / निमाड़ी
- पाणी मऽ की पगडण्डी हो माता ब्याळु मऽ की वाट जी / निमाड़ी
- पानड़ पानड़ दिया बलऽ / निमाड़ी
- पिताजी की गोदी बठी रनुबाई विनवऽ / निमाड़ी
- फुल्डा बिन्न्ती तू चली / निमाड़ी
- बइण का आँगणा म पिपळई रे वीरा चूनर लावजे / निमाड़ी
- बइण जिन घर आनन्द बधाओ / निमाड़ी
- बना तुम किनका बुलाया रे जल्दी आया / निमाड़ी
- बना थारो देश देख्यो नी मुलुक देख्यो / निमाड़ी
- बना-बननी / निमाड़ी
- बनी का सासरिया सी हो / निमाड़ी
- बाडीवाला बाडीखोल बाडी की किँवाडी खोल / निमाड़ी
- बिन्दी तो तुम पैरो हो बनीजी / निमाड़ी
- बीरथा जलम हमारो गुरुजी म्हारो / निमाड़ी
- ब्य्नीका अंगना म पिपली रे / निमाड़ी
- भक्ति दान मोहे दिजीये / निमाड़ी
- भक्ती भरमणा दुर करो / निमाड़ी
- भज ले हरि को, नाम रे मन तु / निमाड़ी
- भर डोंगर मऽ झूला बंध्या हो / निमाड़ी
- भाग हमारा जागीयाँ / निमाड़ी
- भीम हरकतो आयो रे राजा / निमाड़ी
- मंडप / निमाड़ी
- मन भवरा तो लोभीया / निमाड़ी
- मात कहे बात भली सुन सुन्दरी / निमाड़ी
- माता छाब्या-लीप्या हो म्हारा ओटला / निमाड़ी
- माता बाँझबाई बाँझबाई सब कहे हो माता / निमाड़ी
- माता समुन्दर की झबर सुहाणी लागऽ हो / निमाड़ी
- माथा पर लीवि गोबर टोपली हो / निमाड़ी
- मानसरोवर थारो बाप हो रनादेव / निमाड़ी
- मानो बचन हमारो रे,राजा / निमाड़ी
- माय चली कैलाश को / निमाड़ी
- मीना जडी बिंदी लेता आवजो जी / निमाड़ी
- मै बंजारो हरि नाम को / निमाड़ी
- मैं तोहे पूछूँ रे भवरिला / निमाड़ी
- मैना वंती हो माता / निमाड़ी
- म्हारा घर मदनसिंह जलमियो / निमाड़ी
- म्हारा भरपुर जोगी / निमाड़ी
- म्हारा माथा की बिंदी-म्हारा कपाळ खऽ लगऽ / निमाड़ी
- म्हारा संत सुजान / निमाड़ी
- म्हारो मन लाग्यो बैराग से / निमाड़ी
- म्हारा हरिया ए जुँवारा राज / निमाड़ी
- रनुबाई का अंगणा मऽ ताड़ को झाड़ / निमाड़ी
- रनुबाई धणियेर जी सु बिनवऽ / निमाड़ी
- राम कहाँ मोरी माई भरत पुछे / निमाड़ी
- राम भजन कर भाई रे निगुरा / निमाड़ी
- रोहेण बाई थारी कोठरी हो माता / निमाड़ी
- लागी लगी रे दुई दुई हाथ मेहँदी रंग लागी / निमाड़ी
- लाद चल्यो बंजारो अखीर कऽ / निमाड़ी
- लीम म लिमोलई लागी श्रावण महिनो आयो जी / निमाड़ी
- वाकी वळेण नद्दी बहे म्हारी सई हो / निमाड़ी
- विघण हरण गणराज है / निमाड़ी
- शुक्र को तारो रे ईश्वर उंगी रह्यो / निमाड़ी
- संजा फूली आंगणऽ माय / निमाड़ी
- सजन बड़ा रे बईमान है / निमाड़ी
- सतवन्ती न क्यो लायो पीया रे / निमाड़ी
- सरग बांदया रे साधू झोपड़ा / निमाड़ी
- सरग भवन्ति हो गिरधरनी एक सन्देशो लई जाव / निमाड़ी
- सासरो छोड़यो देवी दूर, पीयर मेढ़ो रोपियो जी / निमाड़ी
- सीता राम सुमर लेवो / निमाड़ी
- सुख नींदरा म क्यो सोयो मुसाफीर / निमाड़ी
- सुणजो हो म्हारा सगुण साहेब जी / निमाड़ी
- सूति नऽ हो धणियेर सपनो हो देख्यो / निमाड़ी
- सोंहग बालो हालरो / निमाड़ी
- सोन्ना रूपा का घड़ा घड़ीला / निमाड़ी
- हम परदेशी पावणां / निमाड़ी
- हरे नोटिस आयारे राजा राम का / निमाड़ी
- हात रे भाई रे! / निमाड़ी
- हाथ मऽ आरती नऽ खोळा मऽ पाती / निमाड़ी
- हाथऽ आरती हो बाघेसरी ठाड़ा रह्या / निमाड़ी
- हारा रे मोरे भाई नाथ मै / निमाड़ी
- हिरणी हरि क पुकारे जंगल मऽ / निमाड़ी
- होत आवेरो म्हारा धाम को / निमाड़ी
- देस यो बसेल छे लीमड़ा की आड़ मs / निमाड़ी