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01:18, 15 जून 2018 के समय का अवतरण
रौशनी के दिए / रंजना वर्मा
रचनाकार | रंजना वर्मा |
---|---|
प्रकाशक | साई प्रकाशन, फैज़ाबाद, उ. प्र. |
वर्ष | 2016 |
भाषा | |
विषय | |
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ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- हे माँ! स्वागत करूँ हंसवाहिनी तुम्हारा / रंजना वर्मा
- समय आज ये तीरगी बन के आया / रंजना वर्मा
- सबक सभी ने तशद्दुद के भी रटे होंगे / रंजना वर्मा
- अगरचे आदमी पैदा न होता / रंजना वर्मा
- है दिखाता जो जमाना उसे क्यूँकर देखूँ / रंजना वर्मा
- वतन प्यारा हमारा दिल हमारी जान हो जाये / रंजना वर्मा
- जिंदगी को रोज़ इक त्यौहार कर / रंजना वर्मा
- तुम्हे कुछ इस तरह वापस बुलाना है / रंजना वर्मा
- देख उसको ख़ुदा सोचता रह गया / रंजना वर्मा
- आज फिर कोई नयी बात चलाई जाये / रंजना वर्मा
- आ गया मधुमास तो महकीं हुई है चाँदनी / रंजना वर्मा
- करने को न कुछ काम रह गया / रंजना वर्मा
- हम जमीं पर थे खड़े पर आसमाँ होते रहे / रंजना वर्मा
- जिंदगी हो गयी अकेली है / रंजना वर्मा
- जपन मन श्याम का करने लगा है / रंजना वर्मा
- जो कहता है तुम से ये रब दोस्तों / रंजना वर्मा
- दिल किसी का न दुखाया जाये / रंजना वर्मा
- हुआ व्याकुल बहुत है मन चले आओ चले आओ / रंजना वर्मा
- नहीं कद्र की उस ने जज़्बात की / रंजना वर्मा
- दिन निकलने लगा रात ढलने लगी / रंजना वर्मा
- अगर तू कहे तेरी तकदीर लिख दूँ / रंजना वर्मा
- पीर तो हिम है पिघल जायेगी / रंजना वर्मा
- लब पर जैसे शिकवा सा है / रंजना वर्मा
- प्यार की आग में दिल झुलसने लगा / रंजना वर्मा
- घर हमारा पीर का दर हो गया / रंजना वर्मा
- हो गया देश पर है फ़ना जो जवाँ / रंजना वर्मा
- आंखों में नये ख्वाब सजाने के लिये आ / रंजना वर्मा
- दिल गमों का ठिकाना हुआ / रंजना वर्मा
- वो जो तूफ़ां से या आँधी से न डर जाते हैं / रंजना वर्मा
- इश्क़ में लज़्ज़त है क्या ये दिल लगा कर देखिये / रंजना वर्मा
- रफ़्ता रफ़्ता जिंदगानी में वो' शामिल हो गये / रंजना वर्मा
- क़ासिद बना कबूतर बैठा मुँडेर पर / रंजना वर्मा
- करने को' न कुछ काम रह गया / रंजना वर्मा
- सीरत प्यारी प्यारी रख / रंजना वर्मा
- चोट दिल पर लगे तो क्या कीजे / रंजना वर्मा
- तेरी याद आयी ग़ज़ल बन गयी / रंजना वर्मा
- जिंदगी का काफिला रुकते कभी देखा है क्या / रंजना वर्मा
- ये शोखियाँ अनोखे पैग़ाम दे रही हैं / रंजना वर्मा
- दुश्मन जो बने अपना ही परिवार क्या करें / रंजना वर्मा
- दो चार कदम साथ बढ़ाने के लिये आ / रंजना वर्मा
- प्यार दिल से मिटा नहीं सकता / रंजना वर्मा
- मुझको यादों की ही जीनत दे दे / रंजना वर्मा
- साँवरे मुझ को तू थोड़ी सी मुहब्बत दे दे / रंजना वर्मा
- लगी लत जिसे हो खुशी की हँसी की / रंजना वर्मा
- सब बन्द खिड़कियाँ न कोई दर खुला मिला / रंजना वर्मा
- न देख पाये जिसे वो ही ख्वाब माँगे है / रंजना वर्मा
- तलाशें चलो हम भी चाहत किसी की / रंजना वर्मा
- ख्वाब से फ़ासले हो गये / रंजना वर्मा
- नहीं चाहिये अब मुहब्बत किसी की / रंजना वर्मा
- चला आ साँवरे तुझ बिन हमारा दिल नहीं लगता / रंजना वर्मा
- हो गयी श्याम से जब मुहब्बत मेरी / रंजना वर्मा
- अब न हमसे गिला करे / रंजना वर्मा
- कितनी है मुहब्बत मेरे दिलवर से पूछ लो / रंजना वर्मा
- रौशनी के दिये हम जलाते रहे / रंजना वर्मा
- साथियों आपस में यूँ तक़रार क्या करना / रंजना वर्मा
- रात में भी तो रौशनी है अभी / रंजना वर्मा
- दिल से निकली हुई दुआ हो तुम / रंजना वर्मा
- अश्क़ पी के चलो दुनियाँ को हँसाया जाये / रंजना वर्मा
- हमारी जिंदगी बर्बाद कर के / रंजना वर्मा
- कौन कहता है ये मुहब्बत है / रंजना वर्मा
- ख्वाहिशों को किताब कर देते / रंजना वर्मा
- पायीं जो कुर्सियाँ सभी वादे बदल गये / रंजना वर्मा
- ख़्वाब में मुझ को मिला था शायद / रंजना वर्मा
- चाँदनी का सिंगार कौन करे / रंजना वर्मा
- नूर सूरज का खो गया शायद / रंजना वर्मा
- दिन ब दिन कद है बढ़ा जा रहा पैमाने का / रंजना वर्मा
- थे भूल बैठे जिन्हें सारे नज़र आने लगे / रंजना वर्मा
- किसी को हमीं ने पुकारा तो होता / रंजना वर्मा
- उस ने ग़र कुछ कहा नहीं होता / रंजना वर्मा
- उन को आना था मगर रास्ता नहीं देखा / रंजना वर्मा
- अपना बन कर साथी मेरा छीन ले गया / रंजना वर्मा
- तोहफ़े में दर्द हम ने सितमगर से पाये हैं / रंजना वर्मा
- दिल की कभी सुनी नहीं शायद इसीलिये / रंजना वर्मा
- जल नहीं पाये दिए क्यों रात भर / रंजना वर्मा
- जोशो जुनूँ से लेगी अंगड़ाइयाँ जवानी / रंजना वर्मा
- नहीं अच्छी बहुत नजदीकियां कुछ फ़ासला करते / रंजना वर्मा
- जहर ज़िंदगी का ये हम से पिया नहीं जाता / रंजना वर्मा
- राह उल्फ़त की जो हो कर आये / रंजना वर्मा
- चश्मे नम में थे सागर डुबोया किये / रंजना वर्मा
- जिंदगी को एक बहाना चाहिये / रंजना वर्मा
- जहां को रंग उल्फ़त का गवारा क्यों नहीं होता / रंजना वर्मा
- जो भी नजदीक है सब दूर चला जायेगा / रंजना वर्मा
- अजनबी जान न पहचान बना ले मुझ को / रंजना वर्मा
- हम को तन्हाई ये जगातीं है / रंजना वर्मा
- छोड़ तारीकियाँ रौशनी की तरफ़ / रंजना वर्मा
- रूह बेचैन जिंदगी सी है / रंजना वर्मा
- जिंदगी है क्या यही अब सोचना है / रंजना वर्मा
- जब कभी प्यार की बरसात हुआ करती है / रंजना वर्मा
- दीद ए तर में नमी तेरे लिये / रंजना वर्मा
- ढलने लगा जलाल गुले आफ़ताब का / रंजना वर्मा
- सूरज का गोला जब सिंधु में पिघलता है / रंजना वर्मा
- तुले हैं इश्क़ को दुनियाँ से सब मिटाने में / रंजना वर्मा
- जब हाथ उठे अपना बस ये ही दुआ माँगो / रंजना वर्मा
- अपने जज़्बात को सबसे न छुपाते रहिये / रंजना वर्मा
- सिर्फ़ आधा भरा जाम है / रंजना वर्मा
- फुरकत के दर्द की नही कोई दवा मिली / रंजना वर्मा
- दिल मे अरमान मेरे इतने मचलते क्यूँ हैं / रंजना वर्मा
- अब मसर्रत इधर नहीं आती / रंजना वर्मा
- तेरा साथ ही मेरी भोर है तू जो दूर है मेरी शाम है / रंजना वर्मा
- हमारी जब से यारी हो गयी है / रंजना वर्मा
- प्यार वफ़ा उल्फ़त यारी में तो कोई तक़रार नहीं / रंजना वर्मा