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बलबीर सिंह 'रंग'
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:00, 23 जून 2017 का अवतरण
बलबीर सिंह 'रंग'
जन्म | 14 नवम्बर 1919 |
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निधन | 08 जून 1984 |
उपनाम | रंग |
जन्म स्थान | ग्राम नगला कटीला, ज़िला एटा, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
सिंहासन, प्रवेश-गीत, साँझ-सकारे, संगम, गंध रचती छंद, शारदीया (सभी कविता-संग्रह) | |
विविध | |
कृषक चेतना के किसान गीतकार और कवि | |
जीवन परिचय | |
बलबीर सिंह 'रंग' / परिचय |
कविताएँ
- ज़माना आ गया / बलबीर सिंह 'रंग'
- आशा कम विश्वास बहुत है / बलबीर सिंह 'रंग'
- पतझर-सा वसन्त / बलबीर सिंह 'रंग'
- अभी निकटता बहुत दूर है / बलबीर सिंह 'रंग'
- आया नहीं हूँ / बलबीर सिंह 'रंग'
- जीवन में अरमानों का / बलबीर सिंह 'रंग'
- तुम्हारे गीत गाना चाहता हूँ / बलबीर सिंह 'रंग'
- पीछे जा रहा हूँ मैं / बलबीर सिंह 'रंग'
- पूजा के गीत / बलबीर सिंह 'रंग'
- बन गई आज कविता मेरी / बलबीर सिंह 'रंग'
- मेरे जीवन के पतझड़ में / बलबीर सिंह 'रंग'
- तुम कहाँ हो / बलबीर सिंह 'रंग'
- हमने जो भोगा सो गाया / बलबीर सिंह 'रंग'
- फिर से गूँज उठी रणभेरी / बलबीर सिंह 'रंग'
बाल कविताएँ
आत्म-परिचयात्मक गीत
- ओ समय के देवता! इतना बता दो / बलबीर सिंह 'रंग'
- या भले हैं / बलबीर सिंह 'रंग'
- वर्ष मास दिन याद नहीं हैं / बलबीर सिंह 'रंग'
- मुँह से कुछ न कहूँ, तेरे लिए यह भी सही / बलबीर सिंह 'रंग'
- कवि क्यों गीत लिखा करता है? / बलबीर सिंह 'रंग'
- सत्य नहीं होता सपना है / बलबीर सिंह 'रंग'
- हम तो निर्जन के खंडहर हैं / बलबीर सिंह 'रंग'
- कहिए, हम क्या-क्या लिखें? / बलबीर सिंह 'रंग'
- समझौता कहाँ हुआ? / बलबीर सिंह 'रंग'
- पराये मन की कौन सुने? / बलबीर सिंह 'रंग'
- पुरानी पड़ी बीन पर राग नूतन / बलबीर सिंह 'रंग'
- हम अधिकारी नहीं समय की अनुकम्पाओं के! / बलबीर सिंह 'रंग'
- वृन्त-वृन्त फूल खिले गंध के अभाव में! / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं जग को दिल के दाग दिखा दूँ कैसे? / बलबीर सिंह 'रंग'
- मेरा जिक्र अंजुमन में, कोई खास बात होगी / बलबीर सिंह 'रंग'
- जगत के सहारे-सहारे चलूँ क्यों? / बलबीर सिंह 'रंग'
- जो अयाचित हो उसी को दान कहते हैं? / बलबीर सिंह 'रंग'
- क्या मेरी राह यहीं तक थी? / बलबीर सिंह 'रंग'
- जो मरण को जन्म समझे / बलबीर सिंह 'रंग'
- हमने जो भोगा सो गाया / बलबीर सिंह 'रंग'
- समर दिया, क्या शक्ति न दोगो? / बलबीर सिंह 'रंग'
- कौन कहता है कि पीछे जा रहा हूँ मैं? / बलबीर सिंह 'रंग'
- खास बात कुछ नहीं कहीं भी / बलबीर सिंह 'रंग'
प्रणय गीत
- दो दिन खेल गँवाया बचपन / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं तो था लाचार / बलबीर सिंह 'रंग'
- ढंग अपना जुदा हो गया है / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं अकेला हूँ, अकेली रात है / बलबीर सिंह 'रंग'
- जाने क्यों तुमसे मिलने को / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं भावुकता को प्यार नहीं मानूँगा / बलबीर सिंह 'रंग'
- यदि मुझे मधुरतम प्यार मिले तो जानूँ / बलबीर सिंह 'रंग'
- गीत मेरे गुनगुनाओ तुम, सुनूँ मैं / बलबीर सिंह 'रंग'
- पतझर सा लगा बसंत / बलबीर सिंह 'रंग'
- अभी तो केवल परिचय है / बलबीर सिंह 'रंग'
- आज मेरा मन तुम्हारे गीत गाना चाहता है / बलबीर सिंह 'रंग'
- तुम्हारी तृप्ति यदि मेरे हृदय की प्यास हो जाये / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं सब कुछ भूला, किन्तु किसी का ध्यान नहीं भूला / बलबीर सिंह 'रंग'
- तुम पूछोगे तो मैं अपने मन की बात बता ही दूँगा / बलबीर सिंह 'रंग'
- बज चुकी है बीन मन की अब न कोई तार बाकी / बलबीर सिंह 'रंग'
- कभी रात भर सो न सका मैं / बलबीर सिंह 'रंग'
- तुम्हारी शपथ मैं तुम्हारा नहीं हूँ / बलबीर सिंह 'रंग'
- आज फिर आई जवानी की हवा / बलबीर सिंह 'रंग'
- अपनी तृप्ति बांध ली तुमने / बलबीर सिंह 'रंग'
- जाने क्या से क्या कर देंगे / बलबीर सिंह 'रंग'
- जीवन में अरमानों का आदान-प्रदान नहीं होता / बलबीर सिंह 'रंग'
- ओ मेरे आराध्य / बलबीर सिंह 'रंग'
- मेरे भाग्य पटल पर अंकित / बलबीर सिंह 'रंग'
- न छेड़ो मुझे, मैं सताया गया हूँ / बलबीर सिंह 'रंग'
- क्षण भर का परिचय परिचय क्या? / बलबीर सिंह 'रंग'
- मेरे जीवन के पतझड़ में / बलबीर सिंह 'रंग'
- अब किसी की याद भी / बलबीर सिंह 'रंग'
- दो तन हों, मन हों / बलबीर सिंह 'रंग'
- युग के आहत उर की पीड़ा / बलबीर सिंह 'रंग'
- हम लोग पिया करते हैं / बलबीर सिंह 'रंग'
- यह कैसे समझा दूँ तुमको / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं मोह की नशीली भूल था कभी, मगर / बलबीर सिंह 'रंग'
- भर चुका है घाव पर उसका उभरना कम नहीं है / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं मधुमय जीवन क्या जानूँ? / बलबीर सिंह 'रंग'
- नाज करता है गुलिस्ताँ, ऐसे वीराने हैं हम / बलबीर सिंह 'रंग'
- तुम्हें गीत सुनने का चाव है / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं कहलाता स्वर भरा तार / बलबीर सिंह 'रंग'
- प्रिय तुम्हें मेरा निमन्त्रण मिल चुका है / बलबीर सिंह 'रंग'
- थर-थर कांपें गात राह के साथी सच मानो / बलबीर सिंह 'रंग'
- मिले न जो भावना का सम्बल / बलबीर सिंह 'रंग'
- कहीं जिन्दगी में हम तुम संयोग ऐसा पाऐं / बलबीर सिंह 'रंग'
- हर समय हर बात तुमसे क्या कहूँ मैं? / बलबीर सिंह 'रंग'
- मेरी आँखों से ओझल हो / बलबीर सिंह 'रंग'
- दूर करो या पास बुला लो / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं रस की बरखा कर लूँगा / बलबीर सिंह 'रंग'
- मिलना तो मन का होता है / बलबीर सिंह 'रंग'
- युग-युग का इतिहास लिख रही / बलबीर सिंह 'रंग'
- रातें हैं रातों का क्या? / बलबीर सिंह 'रंग'
- अनेकों प्रश्न ऐसे हैं, जो दुहराये नहीं जाते / बलबीर सिंह 'रंग'
- रोते-रोते रात सुला दी / बलबीर सिंह 'रंग'
राष्ट्रीय चेतना की रचनाएँ
- किसी तरह भी करो, राष्ट्र को बन्धनहीन करो / बलबीर सिंह 'रंग'
- आज देश को नए विचार चाहिए / बलबीर सिंह 'रंग'
- कवि अब तो युग के जीवन को / बलबीर सिंह 'रंग'
- पराजय मैं क्यों करूँ स्वीकार / बलबीर सिंह 'रंग'
- युग का मौन वातावरण! / बलबीर सिंह 'रंग'
- आज की जनता नेता बनी / बलबीर सिंह 'रंग'
- देश में दो सरकारें हुईं / बलबीर सिंह 'रंग'
- आज देश ने स्वतंत्रता का बरबस दान लिया / बलबीर सिंह 'रंग'
- कस्तूरबा के निधन पर / बलबीर सिंह 'रंग'
- अब भी युग के परिवर्तन में थोड़ी-सी देर है / बलबीर सिंह 'रंग'
- हँसता है विध्वंस धरणि पर / बलबीर सिंह 'रंग'
- ओ विप्लव के थके साथियो / बलबीर सिंह 'रंग'
- बीत न जाये बहार मालियो / बलबीर सिंह 'रंग'
- दुनिया जी कर मरी / बलबीर सिंह 'रंग'
- पूजा के गीत नहीं बदले / बलबीर सिंह 'रंग'
- अभी तो निर्माण की दिशा में / बलबीर सिंह 'रंग'
- हम स्वागत गान सुनायें क्या? / बलबीर सिंह 'रंग'
- प्रस्थान हो रहा है / बलबीर सिंह 'रंग'
- नगर-नगर बढ़ रही अमीरी / बलबीर सिंह 'रंग'
- मिली अचानक राह बता दो / बलबीर सिंह 'रंग'
- किस दिशा में जा रहा भागीरथी का देश / बलबीर सिंह 'रंग'
- पर्वत और मैदानों में / बलबीर सिंह 'रंग'
- युग का यह वातायन / बलबीर सिंह 'रंग'
- मेरे पास न आओ मैं सिंहासन हूँ / बलबीर सिंह 'रंग'
ग़ज़लें और नज़्में
- मैं तुझे भूलूँ नहीं, तू मुझे याद न कर / बलबीर सिंह 'रंग'
- बायावाँ हमें इसलिए पूछता है / बलबीर सिंह 'रंग'
- ज़िन्दगी आपको सौंप दी है / बलबीर सिंह 'रंग'
- अए दिले नाकाम आखिर किसलिए / बलबीर सिंह 'रंग'
- तुमको मेरी ख़बर कहाँ होगी / बलबीर सिंह 'रंग'
- आबोदाना रहे, रहे, न रहे / बलबीर सिंह 'रंग'
- चाँदनी रात, क्या करे कोई? / बलबीर सिंह 'रंग'
- हमने तन्हाई में जंज़ीर से बातें की हैं / बलबीर सिंह 'रंग'
- ज़माना आ गया रुसवाइयों तक तुम नहीं आए / बलबीर सिंह 'रंग'
- मेरी हर बात लगे नागवार और अभी / बलबीर सिंह 'रंग'
- तुम्हीं याद आए भुलाने से पहिले / बलबीर सिंह 'रंग'
- अब मुझे प्यार से डर लगता है / बलबीर सिंह 'रंग'
- कोई भी बात बेमानी नहीं है / बलबीर सिंह 'रंग'
- हमारी गर्दिशों के दौर दोरे कम नहीं होते / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं कभी सोया नहीं / बलबीर सिंह 'रंग'
- सारा जीवन गँवाया तुम्हारे लिये / बलबीर सिंह 'रंग'
- हमने निगाहें यार का पैमाना बना डाला / बलबीर सिंह 'रंग'
- गुलसिताँ में आ गया कैसा ज़माना आजकल / बलबीर सिंह 'रंग'
- यूँ तर्क किया साक़ी हमने तेरा मयख़ाना / बलबीर सिंह 'रंग'
- बहारे गुलसिताँ हैं और हम हैं / बलबीर सिंह 'रंग'
- ख़ाक़ में मिल गये गुलसिताँ कैसे-कैसे / बलबीर सिंह 'रंग'
- आग पानी हुई, हुई, न हुई / बलबीर सिंह 'रंग'
- हुस्न को बेहिजाब होना था / बलबीर सिंह 'रंग'
- जो ये चाँद-तारों को नींद आ रहीहै / बलबीर सिंह 'रंग'
- नज़र तुम न आये नज़ारों के मारे / बलबीर सिंह 'रंग'
- इसलिये लोग तुम से नाखुश हैं / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैक़दानोश हम भी हैं लेकिन / बलबीर सिंह 'रंग'
- साथ तुमने दिया, दिया न दिया / बलबीर सिंह 'रंग'
- ख़्वाब वीरान हो गये होंगे / बलबीर सिंह 'रंग'
- आइये मरुभूमि में उद्यान की चर्चा करें / बलबीर सिंह 'रंग'
- तू स्वयं गुमराह तेरा साथ देगा कौन? / बलबीर सिंह 'रंग'
- मेरी मोहब्बत तोबा-तोबा / बलबीर सिंह 'रंग'
- यह मेरी गुमनाम ज़िन्दगी / बलबीर सिंह 'रंग'
- मैं तुमसे दूर, बहुत दूर चला जाऊँगा / बलबीर सिंह 'रंग'
- अभी न दीप बुझाओ, बड़ी कृपा होगी / बलबीर सिंह 'रंग'
- रवि, शशि, तारक तुम्हारी चारु-चितवन में / बलबीर सिंह 'रंग'
- कौन किस वाणी कहे कोई किस कान सुने / बलबीर सिंह 'रंग'
- न ज़िन्दगी नामज़द थी तुम्हारे / बलबीर सिंह 'रंग'