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रंगे-उल्फ़त / रंजना वर्मा
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(रंगे उल्फ़त / रंजना वर्मा से पुनर्निर्देशित)
रंगे उल्फ़त / रंजना वर्मा
रचनाकार | रंजना वर्मा |
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प्रकाशक | साई प्रकाशन, फैज़ाबाद, उ. प्र. |
वर्ष | 2013 |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- आज मुखड़ा छुपा के देख लिया / रंजना वर्मा
- सुबह गली से मेरी इक पुकार गुजरी है / रंजना वर्मा
- आज जाने ये कैसा सितम हो गया / रंजना वर्मा
- जो मिली उस जिंदगी पे नाज़ है / रंजना वर्मा
- कहीं भी आसरा मिलता नहीं था / रंजना वर्मा
- तुम्हारी याद ख़्वाबों की खुली खिड़की से आती है / रंजना वर्मा
- दे रही सबको हवा पैग़ाम है / रंजना वर्मा
- अपने साये से जो डर जाऊँगी मैं / रंजना वर्मा
- आप ही तो शामिल हैं वक्त के नज़ारों में / रंजना वर्मा
- ग़र तुझे ख़्वाब के मानिन्द न पाया होता / रंजना वर्मा
- ज़माने में सभी से प्यार के रिश्ते निभाने हैं / रंजना वर्मा
- गीत वादी ने कोई सुनाया नहीं / रंजना वर्मा
- रब अगर मुझपे मेहरबाँ होता / रंजना वर्मा
- होठ पर ठहरी हुई सी तिश्निगी है / रंजना वर्मा
- उठता है कदम मंज़िल की तरफ़ / रंजना वर्मा
- हरिक शख़्स उल्फ़त का मारा हुआ है / रंजना वर्मा
- इश्क़ में अब भी वफ़ा मौजूद है / रंजना वर्मा
- माँ हमेशा ये दुआ करती है / रंजना वर्मा
- पता नहीं जिंदगी दिखाती है / रंजना वर्मा
- चाँद को देख के दिल उसका बहल जायेगा / रंजना वर्मा
- जमाने में जरा सबसे जुदा हूँ मैं / रंजना वर्मा
- जिनको रस्ता न मिलेगा वो किधर जायेंगे / रंजना वर्मा
- हुआ चर्चा खबर वो आम क्या है / रंजना वर्मा
- हम जमाने से बेबात डरते रहे / रंजना वर्मा
- उम्र भर इंतज़ार कर आये / रंजना वर्मा
- ये ग़म के मारों को छल रही है / रंजना वर्मा
- जीस्त कटी जाती है आने जाने में / रंजना वर्मा
- जिंदगी की इस लड़ाई को सदा जारी रखो / रंजना वर्मा
- हथेली पे लिक्खें करम देखते हैं / रंजना वर्मा
- जिंदगी हँस कर बिताना चाहिये / रंजना वर्मा
- अब खुदा से गिला कुछ नहीं / रंजना वर्मा
- जग रही दुनियाँ मगर कूचे में / रंजना वर्मा
- अल्लाह की रहमत के अंदाज़ निराले हैं / रंजना वर्मा
- मौत को समझता था प्यास / रंजना वर्मा
- चैन इस दिल को कहीं आता नहीं है / रंजना वर्मा
- लिपटी हैं जो पेड़ों से लता और तरह की / रंजना वर्मा
- रस्म पाँवों में पड़ी जंजीर है / रंजना वर्मा
- रास्ते सब बदल जायेंगे / रंजना वर्मा
- जो तरसते रोटियों को इक निवाला दीजिये / रंजना वर्मा
- हुई है रौशनी अब तीरगी परदे में रहती है / रंजना वर्मा
- न है मेरी न ही यह तेरे घर की / रंजना वर्मा
- बात दिल की तो कई बार किया करते हैं / रंजना वर्मा
- जिंदगी दर्द के शोलों से बचाऊँ कैसे / रंजना वर्मा
- उनके ही वास्ते है ये रिश्ता रुक हुआ / रंजना वर्मा
- आज खुद से ही ये वादा करिये / रंजना वर्मा
- यादें हैं सपने हैं खूब कहानी है / रंजना वर्मा
- मंजिलों को पा लेता काश कारवाँ अपना / रंजना वर्मा
- आज की रात हमको कहने दो / रंजना वर्मा
- दूसरों को दर्द दें ऐसा कभी मत सोचिये / रंजना वर्मा
- देख लें हम चाह अब कितनी छिपी मंजिल में है / रंजना वर्मा
- अब ज़माने से हम क्यों डरेंगे / रंजना वर्मा
- किसने सोचा क्या है अच्छा धंधा यहाँ कमाई का / रंजना वर्मा
- समय चलती दुधारी जा रही है / रंजना वर्मा
- तुम्हें जिस ओर भी रस्ता मिलेगा / रंजना वर्मा
- इक किरन सी दिल में हर उम्मीद पलनी चाहिये / रंजना वर्मा
- हर मर्ज की कहने को दुनियाँ में दवा भी है / रंजना वर्मा
- दिल की धड़कन रुकी रुकी सी है / रंजना वर्मा
- जिन्दगानी निसार कर बैठे / रंजना वर्मा
- दर्द हुआ अब काफ़ी उनका / रंजना वर्मा
- जिनको नहीं मिली है मसर्रत बहार में / रंजना वर्मा
- ओस है आंख का पानी शायद / रंजना वर्मा
- यों तो बेइमान ही अक्सर देखे हैं / रंजना वर्मा
- इक अनजान हुआ बेघर है / रंजना वर्मा
- खुशी न पाओगे तुम कभी भी / रंजना वर्मा
- जागे हुए नयन में बन के खुमार आये / रंजना वर्मा
- पायी नहीं वफ़ा तो फिर किसलिये गिला / रंजना वर्मा
- जमाने को इतने भी प्यारे न होंगे / रंजना वर्मा
- ढूंढते हम जिसे किताबों में / रंजना वर्मा
- जो मिली है जिंदगी हँस कर बितानी चाहिये / रंजना वर्मा
- मुझे जिन्दगानी की राह में / रंजना वर्मा
- साँवरे की बज़्म में जब आ गये / रंजना वर्मा
- मिला तू तो मन बावरा हो गया / रंजना वर्मा
- किसी को जिंदगी में / रंजना वर्मा
- थी खला नहीं कोई भी / रंजना वर्मा
- पी लिया है जामे उल्फ़त और क्या अब चाहिये / रंजना वर्मा
- बहुत थक गये हम वफ़ा करते करते / रंजना वर्मा
- जो कह सके न वही दास्तान बाक़ी है / रंजना वर्मा
- यूँ अँधेरों में चलोगे तो सिहर जाओगे / रंजना वर्मा
- दर्द को हँस के भुलाया जाये / रंजना वर्मा
- ये किसी और ही अंदाज़ का दर लगता है / रंजना वर्मा
- हर बशर इस ज़माने में मेहमान है / रंजना वर्मा
- भूलने को इक कहानी चाहिये / रंजना वर्मा
- तुम्हीं ने दिल की मेरे हर खुशी चुरा ली है / रंजना वर्मा
- मिली है सज़ा उस जुर्म की / रंजना वर्मा
- ज़िन्दगी के जश्न बेहद कम लगे / रंजना वर्मा
- बदला जो वक्त मेरा ज़माना बदल गया / रंजना वर्मा
- भूल भी जा तू कहानी मेरी / रंजना वर्मा
- न बरसे झूम कर बादल उसे सावन नहीं कहते / रंजना वर्मा
- आँखों में जब से तेरे कुछ ख़्वाब पल रहे हैं / रंजना वर्मा
- रात हवा ने जब जलने की कोशिश की / रंजना वर्मा
- आ जा कि निगाहों ने मेरी तुझको चुना है / रंजना वर्मा
- हर तरफ एक बेरुख़ी सी है / रंजना वर्मा
- जीने के लिये दुनियाँ में प्यार जरूरी है / रंजना वर्मा
- बुझी कब प्यास है सूखी नदी से / रंजना वर्मा
- ग़म ने जब से किया ठिकाना है / रंजना वर्मा
- यूँ तो उसने कुछ किया वादा न था / रंजना वर्मा
- देखा तुझे तो मेरा नजरिया बदल गया / रंजना वर्मा
- दूर फिर आज कोई टेर सुनाई दी है / रंजना वर्मा
- स्वार्थ में हर कोई मुब्तला रह गया / रंजना वर्मा
- हमेशा से रहा इस देश का चर्चा जमाने में / रंजना वर्मा
- सोच ले अब बाद तेरे और क्या रह जायगा / रंजना वर्मा