भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तीसरा दरिया / रमेश तन्हा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(रुबाइयात)
(रुबाइयात)
 
पंक्ति 63: पंक्ति 63:
 
* [[हंगामा ज़िन्दगी का है हर जानिब / रमेश तन्हा]]
 
* [[हंगामा ज़िन्दगी का है हर जानिब / रमेश तन्हा]]
 
* [[इक आलम बेबसी का है, क्या देखें / रमेश तन्हा]]
 
* [[इक आलम बेबसी का है, क्या देखें / रमेश तन्हा]]
* [[नैरंगे-मुकाफात से ये जाना है / रमेश तन्हा]]
+
* [[नैरंगे-मुकाफ़ात से ये जाना है / रमेश तन्हा]]
 
* [[मैं कैसे कहूँ किस से क्या लगता है / रमेश तन्हा]]
 
* [[मैं कैसे कहूँ किस से क्या लगता है / रमेश तन्हा]]
 
* [[क्या सोचा था, क्या हो गया, क्या करना है / रमेश तन्हा]]
 
* [[क्या सोचा था, क्या हो गया, क्या करना है / रमेश तन्हा]]
पंक्ति 71: पंक्ति 71:
 
* [[तमईज़े-बदो-नेक से आरी, कच्चा / रमेश तन्हा]]
 
* [[तमईज़े-बदो-नेक से आरी, कच्चा / रमेश तन्हा]]
 
* [[सूरज की तमाज़त को तो सब देखते हैं / रमेश तन्हा]]
 
* [[सूरज की तमाज़त को तो सब देखते हैं / रमेश तन्हा]]
* [[दुनिया के चलन का हो बयां क्या किस्सा / रमेश तन्हा]]
+
* [[दुनिया के चलन का हो बयां क्या क़िस्सा / रमेश तन्हा]]
* [[हालात की तल्खी ने न तोड़ा मुझको / रमेश तन्हा]]
+
* [[हालात की तल्ख़ी ने न तोड़ा मुझको / रमेश तन्हा]]
 
* [[इस आलमे-शष जिहात में मेरा वजूद  / रमेश तन्हा]]
 
* [[इस आलमे-शष जिहात में मेरा वजूद  / रमेश तन्हा]]
 
* [[अदना सा वजूद है मिरा, सोचो तो / रमेश तन्हा]]
 
* [[अदना सा वजूद है मिरा, सोचो तो / रमेश तन्हा]]
पंक्ति 87: पंक्ति 87:
 
* [[जी में है कि मैं ग़म का सरापा लिक्खूं / रमेश तन्हा]]
 
* [[जी में है कि मैं ग़म का सरापा लिक्खूं / रमेश तन्हा]]
 
* [[मुमकिन है कि कुहसार चले या गल जाये / रमेश तन्हा]]
 
* [[मुमकिन है कि कुहसार चले या गल जाये / रमेश तन्हा]]
* [[अफसुर्दा था मैं, वक़्त ने तेवर बदले / रमेश तन्हा]]
+
* [[अफ़्सुर्दा था मैं, वक़्त ने तेवर बदले / रमेश तन्हा]]
 
* [[जो आँख ने देखा उसे मंज़र लिक्खूं / रमेश तन्हा]]
 
* [[जो आँख ने देखा उसे मंज़र लिक्खूं / रमेश तन्हा]]
 
* [[है सोच दरीदा तो दरीदा है रूह / रमेश तन्हा]]
 
* [[है सोच दरीदा तो दरीदा है रूह / रमेश तन्हा]]
 
* [[बारे-ग़मो-अन्दोह उठा सकता हूँ / रमेश तन्हा]]
 
* [[बारे-ग़मो-अन्दोह उठा सकता हूँ / रमेश तन्हा]]
* [[क्या वक़्त खराबी का हुआ है वारिद / रमेश तन्हा]]
+
* [[क्या वक़्त ख़राबी का हुआ है वारिद / रमेश तन्हा]]
 
* [[तहरीर मुक़द्दर की मिटाई न गई / रमेश तन्हा]]
 
* [[तहरीर मुक़द्दर की मिटाई न गई / रमेश तन्हा]]
 
* [[अपनी ही तरक़्क़ी से मिटा जाता है / रमेश तन्हा]]
 
* [[अपनी ही तरक़्क़ी से मिटा जाता है / रमेश तन्हा]]
पंक्ति 102: पंक्ति 102:
 
* [[कुछ और जो सोचें भी तो क्या होता है / रमेश तन्हा]]
 
* [[कुछ और जो सोचें भी तो क्या होता है / रमेश तन्हा]]
 
* [[कुछ लोग हक़ीक़त से बिख़र जाते हैं / रमेश तन्हा]]
 
* [[कुछ लोग हक़ीक़त से बिख़र जाते हैं / रमेश तन्हा]]
* [[जीने के लिए सर में कोई खब्त तो हो / रमेश तन्हा]]
+
* [[जीने के लिए सर में कोई ख़ब्त तो हो / रमेश तन्हा]]
 
* [[देखूं तो इक तुर्फा तमाशा सा लगे / रमेश तन्हा]]
 
* [[देखूं तो इक तुर्फा तमाशा सा लगे / रमेश तन्हा]]
 
* [[किस के लिए है, क्यों है, ये दुनिया क्या है / रमेश तन्हा]]
 
* [[किस के लिए है, क्यों है, ये दुनिया क्या है / रमेश तन्हा]]
* [[तालिब था तू खुद-नुमाई का ग़र मुझ से / रमेश तन्हा]]
+
* [[तालिब था तू खुद-नुमाई का गर मुझ से / रमेश तन्हा]]
 
* [[भगवान है कण कण में तो मूरत क्या है / रमेश तन्हा]]
 
* [[भगवान है कण कण में तो मूरत क्या है / रमेश तन्हा]]
 
* [[आया था अभी कोई मुझे मिलने को / रमेश तन्हा]]
 
* [[आया था अभी कोई मुझे मिलने को / रमेश तन्हा]]

18:35, 30 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

General Book.png
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार रमेश तन्हा
प्रकाशक
वर्ष
भाषा
विषय
विधा
पृष्ठ
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

ग़ज़लें

रुबाइयात

तराइले