भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कैलाश झा 'किंकर' की ग़ज़लें / कैलाश झा ‘किंकर’
Kavita Kosh से
कैलाश झा 'किंकर' की ग़ज़लें
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | कैलाश झा ‘किंकर’ |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- दिन ढले घर लौटते सारे परिन्दे हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- ज़िन्दगी भर साथ जिनका एक रस्ता है / कैलाश झा 'किंकर'
- अन्धकार में, दीप जले तो, रौशन हो / कैलाश झा 'किंकर'
- आ रहा हूँ पास तेरे दिल मचलता है / कैलाश झा 'किंकर'
- दोष इसमें नहीं किसी का है / कैलाश झा 'किंकर'
- रब सबको अवसर दें / कैलाश झा 'किंकर'
- सागर से भी गहरा है / कैलाश झा 'किंकर'
- हुआ क्या मुझे कुछ पता ही नहीं / कैलाश झा 'किंकर'
- हुई अब रात आ जाओ / कैलाश झा 'किंकर'
- मुझे अपना जो कह देना / कैलाश झा 'किंकर'
- छुपे सारे सितारे क्यों / कैलाश झा 'किंकर'
- मिटी दूरी दिलों की अब / कैलाश झा 'किंकर'
- मुहब्बत से ज़रा हँस दो / कैलाश झा 'किंकर'
- अभाव में भी सदा मैंने मुस्कुराया है / कैलाश झा 'किंकर'
- गया वह दूर नज़र से मगर जुड़ा तो रहा / कैलाश झा 'किंकर'
- बदजुबानी आपकी तो देखकर हैरान हैं सब / कैलाश झा 'किंकर'
- जग से जो नहीं हारा संतान से हारा है / कैलाश झा ‘किंकर’
- जैसा मेरा सपना था / कैलाश झा ‘किंकर’
- न टूटे भरम ज़िन्दगी भर सुहाना / कैलाश झा ‘किंकर’
- सुना है वह दिल का बड़ा मोतबर है / कैलाश झा ‘किंकर’
- खामोश ज़ुबां हमदम कैसे / कैलाश झा ‘किंकर’
- ग़म में जो सदा बे-ग़म कैसे / कैलाश झा ‘किंकर’
- जीऊँगा बिना हमदम कैसे / कैलाश झा ‘किंकर’
- रुके पाँव मेरे ज़रा चलते-चलते / कैलाश झा ‘किंकर’
- भेंट होना भी है मुश्किल चाँद-तारों से / कैलाश झा ‘किंकर’
- आ रहा है आज तुम पर प्यार अच्छा है / कैलाश झा ‘किंकर’
- हजार बार मनाही हुई कि मत जाओ / कैलाश झा ‘किंकर’
- यहाँ था मेरा जो झोला नज़र नहीं आता / कैलाश झा ‘किंकर’
- कोई दुनिया में है आप जैसा नहीं / कैलाश झा ‘किंकर’
- कौन किसके काम आए क्या पता है / कैलाश झा ‘किंकर’
- झूठ से भी दिल बहल जाता है हज़रत / कैलाश झा ‘किंकर’
- पढ़ रहे हम आपकी आँखों की भाषा / कैलाश झा ‘किंकर’
- चलो यार अब घर / कैलाश झा ‘किंकर’
- मुझे भी सुनाना / कैलाश झा ‘किंकर’
- बहुत हो गया अब / कैलाश झा ‘किंकर’
- दुश्मनी से क्या मिलेगा दोस्ती कर ले / कैलाश झा ‘किंकर’
- हुई है देर बहुत आपको भी आने में / कैलाश झा ‘किंकर’
- दिल हमेशा आपको ही याद करता है / कैलाश झा ‘किंकर’
- दाग़ दिखलाते चलें हम कब तलक संसार को / कैलाश झा ‘किंकर’
- जिसने जीवन में कभी भी हाथ फैलाया नहीं / कैलाश झा ‘किंकर’
- हम तुम्हारे तुम हमारे इसमें है शंका नहीं / कैलाश झा ‘किंकर’
- राज़ को तो राज़ रहने दीजिए / कैलाश झा ‘किंकर’
- राह का अब हो चुका पत्थर हूँ मैं / कैलाश झा 'किंकर'
- कहते थे आदमी को सताया न जाएगा / कैलाश झा 'किंकर'
- बे-तरह जागती हैं ग़र आँखें / कैलाश झा 'किंकर'
- आए थे ख़ुद वह हम तो बुलाने नहीं गये / कैलाश झा 'किंकर'
- अगर तुम साथ हो / कैलाश झा 'किंकर'
- राज़ दिल का नहीं बता देना / कैलाश झा 'किंकर'
- इस तरह कोई किसी से बात करता है / कैलाश झा 'किंकर'
- मेरी आपसे ग़र सगायी न होती / कैलाश झा 'किंकर'
- चली जाने कैसी हवा आजकल है / कैलाश झा 'किंकर'
- फुटा-फुटा के किया राज साथ भी न मिला / कैलाश झा 'किंकर'
- खूब मुझको अब बजाओ झुनझुना है ज़िन्दगी / कैलाश झा 'किंकर'
- खुशी झूमती आशियाँ तक न आयी / कैलाश झा 'किंकर'
- तेरे बगैर जीने की चाहत कभी न की / कैलाश झा 'किंकर'
- पाँव तक हाथ जब पहुँचता है / कैलाश झा 'किंकर'
- मायूस ज़िन्दगी का ठिकाना नहीं रहा / कैलाश झा 'किंकर'
- आज फिर आपने घर बुलाया हमें / कैलाश झा 'किंकर'
- जो भी गलती है मेरी बता दे मुझे / कैलाश झा 'किंकर'
- वो आसमान के तारे कहीं हुए गुम हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- हर तीरगी में घुस के चिरागाँ करेंगे हम / कैलाश झा 'किंकर'
- सम्मान-मान बेटी, है आन-बान बेटी / कैलाश झा 'किंकर'
- आपसे मिलने की इच्छा बलवती हुई / कैलाश झा 'किंकर'
- गुस्ताख़ दिल को यार मनाता कहाँ हूँ मैं / कैलाश झा 'किंकर'
- पत्थर पर आज दूब ज़माने चला हूँ मैं / कैलाश झा 'किंकर'
- खूब मुझको तुम बजाओ झुनझुना है ज़िन्दगी / कैलाश झा 'किंकर'
- हर वक़्त आपके लिए चिन्तित समाज है / कैलाश झा 'किंकर'
- बताओ तुम्हीं अब किधर जाऊँ मैं / कैलाश झा 'किंकर'
- जनम दिया जो उसे तुम रुला रहे हो क्यों / कैलाश झा 'किंकर'
- हर हमेशा याद आती आपकी / कैलाश झा 'किंकर'
- हमारे घर आए हैं आप / कैलाश झा 'किंकर'
- शुरू जीत का सिलसिला ज़िन्दगी / कैलाश झा 'किंकर'
- ख़्वाब बनके ख़्वाब रह गये / कैलाश झा 'किंकर'
- देखिए नाज़ से / कैलाश झा 'किंकर'
- क्या समाचार है / कैलाश झा 'किंकर'
- ज़ख़्म करके हरा / कैलाश झा 'किंकर'
- यह महाजाल है / कैलाश झा 'किंकर'
- आपसे प्यार है / कैलाश झा 'किंकर'
- फुरसत में इठलाती / कैलाश झा 'किंकर'
- हम सुनेंगे यह कहानी फिर कभी / कैलाश झा 'किंकर'
- बात तो होती रही है दुश्मनों से भी हमारी / कैलाश झा 'किंकर'
- जीऊँगा बिना हमदम कैसे / कैलाश झा 'किंकर'
- चलो यार अब घर / कैलाश झा 'किंकर'
- मुझे भी सुनाना / कैलाश झा 'किंकर'
- बहुत हो गया अब / कैलाश झा 'किंकर'
- दुश्मनी से क्या मिलेगा दोस्ती कर ले / कैलाश झा 'किंकर'
- राज़ को तो राज़ रहने दीजिए / कैलाश झा 'किंकर'
- जाओ यहाँ से तुम अभी नाराज़ हूँ बहुत / कैलाश झा 'किंकर'
- यहाँ लगता जैसे हुआ कुछ नहीं है / कैलाश झा 'किंकर'
- ख़त तो मेरा पहुँच गया होगा / कैलाश झा 'किंकर'
- यकीं हो गया अब / कैलाश झा 'किंकर'
- खेती किसान की तो यहाँ अब जुआ लगे / कैलाश झा 'किंकर'
- घर तो अच्छा है मगर दोस्त ज़मीं कुछ कम है / कैलाश झा 'किंकर'
- रोशनी के लिए दिया बनता / कैलाश झा 'किंकर'
- होश खोने का वक़्त आया है / कैलाश झा 'किंकर'
- आपको भी न देरी लगे / कैलाश झा 'किंकर'
- इक नज़र आपकी चाहते हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- ख़्वाब मेरा अभी कुमारा है / कैलाश झा 'किंकर'
- ये रोशनी तो यहाँ जुगनुओं से आती है / कैलाश झा 'किंकर'
- हम निकल जाएँ तो वे दुबक जाएँगे / कैलाश झा 'किंकर'
- छा रही है जो गुलाबी खुशबू / कैलाश झा 'किंकर'
- उसको अपना बना लिया मैंने / कैलाश झा 'किंकर'
- हड़प जिसने ज़मीनें ली, सगा है / कैलाश झा 'किंकर'
- मुस्कुराएगी ज़िन्दगानी भी / कैलाश झा 'किंकर'
- फ़ासले मिटते गये नजदीकियाँ अब / कैलाश झा 'किंकर'
- दिन ढले खुशियाँ उतरतीं आसमां से / कैलाश झा 'किंकर'
- ज़िन्दगी को और खिलने दें ज़रा-सा / कैलाश झा 'किंकर'
- मुझे भी आपने समझा नहीं है / कैलाश झा 'किंकर'
- रात की सिसकियों से आहत हूँ / कैलाश झा 'किंकर'
- नाम मेरा मिटा दिया उसने / कैलाश झा 'किंकर'
- विचार से दरिद्र हो तनी हुई है ज़िन्दगी / कैलाश झा 'किंकर'
- पाँव जब राह पर बढ़ाते हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- दिन ढले याद तुम्हारी ही चली आती है / कैलाश झा 'किंकर'
- आपका लाजवाब है जीवन / कैलाश झा 'किंकर'
- बज़्म में गीत गाते चलो / कैलाश झा 'किंकर'
- आज तेरा वह शहर याद आया / कैलाश झा 'किंकर'
- शराफतों का नया ज़माना / कैलाश झा 'किंकर'
- अगर मुहब्बत छुपी नज़र में / कैलाश झा 'किंकर'
- भले की ख़ातिर भली है दुनिया / कैलाश झा 'किंकर'
- उतार चश्मा निहार दुनिया / कैलाश झा 'किंकर'
- ज़िन्दगी का गीत गाना पड़ गया / कैलाश झा 'किंकर'
- बोझ सिर से हटा गया कोई / कैलाश झा 'किंकर'
- नज़र न आतीं ख़ुशी की फसलें / कैलाश झा 'किंकर'
- सफ़र सुहाना बना रहेगा / कैलाश झा 'किंकर'
- न फूल केवल ये ख़ार देखो / कैलाश झा 'किंकर'
- सफल हुआ जो वही सिकंदर / कैलाश झा 'किंकर'
- हुआ जो हासिल बहुत ही कम है / कैलाश झा 'किंकर'
- अभी रूठी हुई लगती है सचमुच रागिनी अपनी / कैकैलाश झा 'किंकर'
- ज़ईफ़ सचमुच डरे हुए हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- बेटा-बहू का ख़ूब सहारा है इन दिनों / कैलाश झा 'किंकर'
- हर तीरगी में घुस के चिरागाँ करेंगे हम। / कैलाश झा 'किंकर'
- उन्हें कभी है अदा न करना / कैलाश झा 'किंकर'
- बहार आई-गई हुई है / कैलाश झा 'किंकर'
- जब मिलूँगा आपसे तब शायरी हो जाएगी / कैलाश झा 'किंकर'
- मुझ फकीरों के लिए घर न कहीं होता है / कैलाश झा 'किंकर'
- बात होती है फुसफुसा कर के / कैलाश झा 'किंकर'
- प्यार झूठा ही सही दिल से निभाते रहिये / कैलाश झा 'किंकर'
- रुके बिन मुसाफिर जो चलते रहे / कैलाश झा 'किंकर'
- रोज कहता हूँ कहा करता हूँ /कैलाश झा 'किंकर'
- खुशी मेरे भी घर आई / कैलाश झा 'किंकर'
- नहीं उनसे कभी कुछ माँगता हूँ / कैलाश झा 'किंकर'
- दोस्त मुफ़लिस को बना कर देखो / कैलाश झा 'किंकर'
- बड़े सपने मुसलसल हो गये हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- सीखने की उम्र, उम्र-भर / कैलाश झा 'किंकर'
- ग़ज़ल की बात बताने कोई नहीं आया / कैलाश झा 'किंकर'
- इस दौर में कहीं वह निगाहें नहीं रहीं / कैलाश झा 'किंकर'
- हाथ उसके दियासलाई है / कैलाश झा 'किंकर'
- उन पर मेरा यक़ीन हो जाए / कैलाश झा 'किंकर'
- जिस किसी से मुहब्बत न कर / कैलाश झा 'किंकर'
- राज़ दिल का कहीं वह जान न ले / कैलाश झा 'किंकर'
- बड़ी खूबसूरत कला ज़िन्दगी है / कैलाश झा 'किंकर'
- कौन कहता अदावत करो / कैलाश झा 'किंकर'
- ज़िन्दगी भर मुझे काम ही काम हो / कैलाश झा 'किंकर'
- रंग लेकर आ गये हैं द्वार तक साथी / कैलाश झा 'किंकर'
- मिल गयी आज किसी से जो नज़र चुपके से / कैलाश झा 'किंकर'
- अभी नहीं तो कभी न होगा / कैलाश झा 'किंकर'
- जो भी रचना हुई निदान के साथ / कैलाश झा 'किंकर'
- मिले ग़र न दिल तो करूँ दोस्ती क्या / कैलाश झा 'किंकर'
- घुटने न टेक देना तू पत्थर के सामने / कैलाश झा 'किंकर'
- कुछ अलग ही यहाँ मेरी पहचान है / कैलाश झा 'किंकर'
- मैं भी आख़िर एक हूँ हिस्सा वतन का / कैलाश झा 'किंकर'
- परवरिश में ही कोई कमी रह गयी / कैलाश झा 'किंकर'
- हमको वह बहला रहे हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- भारती के लाल हैं हम / कैलाश झा 'किंकर'
- ज़िन्दगी में रंग भर कर / कैलाश झा 'किंकर'
- ग़मों को दूर भगाओ, बड़ी उदास है ये रात / कैलाश झा 'किंकर'
- कर्तव्यों पर अधिकार टिका / कैलाश झा 'किंकर'
- क्या हो गया है आजकल की पीढ़ियों को रब / कैलाश झा 'किंकर'
- आपने मुझको अभी जाना नहीं / कैलाश झा 'किंकर'
- शायरों की ज़िन्दगी की शायरी / कैलाश झा 'किंकर'
- तुम मुझे रात-दिन अब सताने लगे / कैलाश झा 'किंकर'
- नाम तेरा ज़बान पर आया / कैलाश झा 'किंकर'
- लहराती हसीं जुल्फ़ें काजल की धार से / कैलाश झा 'किंकर'
- बातें न करो हँसकर हम अर्थ लगा लेंगे / कैलाश झा 'किंकर'
- उतर आएगी उनकी आँख में तश्वीर अब मेरी / कैलाश झा 'किंकर'
- सबसे ऊपर होता प्यार / कैलाश झा 'किंकर'
- देखकर बदलाव खुश हूँ / कैलाश झा 'किंकर'
- कर रहे शिकवे-गिले हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- मैं किसी का भी दुश्मन नहीं हूँ, / कैलाश झा 'किंकर'
- सावधानी क्या रखेंगे / कैलाश झा 'किंकर'
- बेवफा से प्यार कैसा / कैलाश झा 'किंकर'
- शायरों का है ये मेला / कैलाश झा 'किंकर'
- सत्य से अनजान हैं हम / कैलाश झा 'किंकर'
- क्यों किसी की आह लूँगा / कैलाश झा 'किंकर'
- आज फिर वह आ रहे हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- आप में खूबसूरत हुनर है / कैलाश झा 'किंकर'
- दूरियाँ को मिटाने चलें तो चलें / कैलाश झा 'किंकर'
- रास्ता हूँ राहगीरों के लिए / कैलाश झा 'किंकर'
- गीत गाते सभी कुमारे थे / कैलाश झा 'किंकर'
- शाम ढलते ही कामगारों में / कैलाश झा 'किंकर'
- आपकी याद ख़ूब आती है / कैलाश झा 'किंकर'
- जिसको चाहे उछाल देता है / कैलाश झा 'किंकर'
- साहिल नहीं किनारा / कैलाश झा 'किंकर'
- घड़ी-घड़ी तो ग़ज़ल की ही याद आती है / कैलाश झा 'किंकर'
- सबसे बड़ी सफलता सबसे बड़ी कमाई / कैलाश झा 'किंकर'
- विशेष दिन है चलें हम विशेष बात करें / कैलाश झा 'किंकर'
- है किसी से मुझको गिला नहीं / कैलाश झा 'किंकर'
- अच्छाइयाँ बची ही रहेंगी ज़हान में / कैलाश झा 'किंकर'
- गुस्ताख़ दिल किसी न किसी को सताएगा / कैलाश झा 'किंकर'
- इस पार मुनासिब है उस पार मुनासिब है / कैलाश झा 'किंकर'
- नये थे जो पुराने हो गये हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- न रहे ये बाँस न बाँसुरी / कैलाश झा 'किंकर'
- न ये जीत है न ये हार है / कैलाश झा 'किंकर'
- ग़ज़ल मेरी तो मेरा आइना है / कैलाश झा 'किंकर'
- किसी की दोस्ती अच्छी किसी की दुश्मनी अच्छी / कैलाश झा 'किंकर'
- वफादारी हमारे वास्ते बिल्कुल ज़रूरी है / कैलाश झा 'किंकर'
- कितनी ख़ुशी की बात है शादी-विवाह है / कैलाश झा 'किंकर'
- किसी भी डाल पर चिड़िया न बैठ पाती है / कैलाश झा 'किंकर'
- मुहब्बत की बातें मयस्सर नहीं / कैलाश झा 'किंकर'
- तू मेरा जीवन साथी / कैलाश झा 'किंकर'
- इतनी खामोशियाँ नहीं अच्छी / कैलाश झा 'किंकर'
- जब से देखा तुझे चैन ही खो गया / कैलाश झा 'किंकर'
- झोपड़ी के वह लाल हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- हाँ यही इस बार होगा / कैलाश झा 'किंकर'
- चेहरे चेहरे मास्क लगाकर बैठे हैं / कैलाश झा 'किंकर'
- जब से आई है बीमारी गाँवों में / कैलाश झा 'किंकर'
- घर-आँगन संसार हुआ है भैया जी / कैलाश झा 'किंकर'